Navratri Akhand Jyot Rules: नवरात्रि में अखंड ज्योति का विशेष महत्व है। यह घर में सुख, समृद्धि और शांति लाती है। अगर यह गलती से बुझ जाए, तो ऐसे समय में क्या करना चाहिए, नीचे विस्तार से जानिए।
Significance of Akhand Jyoti: नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो चुका है और इस दौरान भक्त देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान और प्रार्थनाएं करते हैं। इन नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलाने का देवी की पूजा में विशेष महत्व है। यह ज्योति घर में सुख, शांति और समृद्धि लाती है। कई लोग अपने घरों में 24 घंटे अखंड ज्योत जलाते रहते हैं, लेकिन कभी-कभी अनजाने में या किसी कारणवश यह ज्योति बुझ जाती है तो ऐसे समय में क्या करना चाहिए आइए जानते हैं उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी जी से…
अखंड ज्योत बुझ जाए तो क्या करें?
यदि किसी कारणवश अखंड ज्योति बुझ जाए, तो इसे अशुभ माना जाता है, लेकिन कुछ नियमों का पालन करके इसके नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है:
क्षमा याचना करें
सबसे पहले, हाथ जोड़कर देवी दुर्गा से अपनी भूल के लिए क्षमा याचना करें। ध्यान रखें कि यह भूल अनजाने में हुई थी और आप पूरी श्रद्धा से अपनी पूजा जारी रखना चाहते हैं।
ज्योति तुरंत प्रज्वलित करें

ज्योति बुझने के बाद, उसे तुरंत प्रज्वलित करें। आप इसे प्रज्वलित करने के लिए माचिस या लाइटर का उपयोग कर सकते हैं। कोशिश करें कि पहले से एक छोटी सी ज्योति जलाकर रखें ताकि यदि वह बुझ जाए, तो आप उस छोटी सी ज्योति से अखंड ज्योति पुनः प्रज्वलित कर सकें। इसे 'अनुष्ठान ज्योति' भी कहते हैं।
शुद्ध घी या तेल का प्रयोग करें
ज्योति पुनः प्रज्वलित करते समय केवल शुद्ध घी या तेल का ही प्रयोग करें। बेहतर होगा कि आप उसी सामग्री का प्रयोग करें जिसका आप पहले उपयोग कर रहे थे।
संकल्प लें
ज्योति पुनः प्रज्वलित करने के बाद, देवी माँ के सामने खड़े होकर पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अपनी पूजा पूरी करने का संकल्प लें। आप यह भी कह सकते हैं कि आप अगले नौ दिनों तक ज्योति का विशेष ध्यान रखेंगे ताकि वह फिर न बुझे।
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ज्योति के पास रहें

ज्योति को दोबारा जलाने के बाद, कुछ देर उसके पास बैठें। आप दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। इससे मन को शांति मिलती है और पूजा का भाव बना रहता है।
दान
ज्योतिषियों के अनुसार, अगर आपकी अखंड ज्योति बुझ जाए, तो आप किसी गरीब या ज़रूरतमंद व्यक्ति को कुछ अनाज, घी या पैसे दान कर सकते हैं। इससे पूजा में आने वाली बाधा कम होती है।
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अखंड ज्योति के लिए कुछ जरूरी बातें
- दीपक का आकार: अखंड ज्योति के लिए हमेशा बड़ा दीपक चुनें, जिसमें पर्याप्त मात्रा में तेल या घी आ सके।
- रूई की बत्ती: बत्ती मोटी और लंबी होनी चाहिए ताकि वह नौ दिनों तक आसानी से जल सके।
- दिशा-निर्देश: पूजा स्थल में देवी दुर्गा की मूर्ति के दाईं ओर अखंड ज्योति रखना शुभ माना जाता है।
- हवा से बचाव: अखंड ज्योति को ऐसी जगह रखें जहाँ हवा का सीधा प्रवाह न हो। इसके लिए आप दीपक को कांच के कवर के नीचे या किसी शेल्फ पर रख सकते हैं।
- तेल/घी का ध्यान रखें: समय-समय पर दीपक में तेल या घी डालते रहें। ज्योति को बुझने न दें।
इसलिए नवरात्रि में अखंड ज्योति का विशेष महत्व है, लेकिन अगर यह गलती से बुझ जाए, तो इसे अपशकुन मानकर घबराने की ज़रूरत नहीं है। देवी मां की कृपा और आशीर्वाद से बढ़कर कुछ नहीं है। आपकी भक्ति और सच्ची आस्था सबसे महत्वपूर्ण है। इसे तुरंत पुनः जलाएँ और देवी दुर्गा से क्षमा याचना करें।
Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
