नवंबर 2025 में दो सोम प्रदोष व्रत होंगे- पहला 3 नवंबर को और दूसरा 17 नवंबर को। प्रदोष व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित पवित्र दिन हैं। इस दिन प्रदोष काल में पूजा करने से पापों का नाश होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
November Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव को समर्पित वैसे तो कई व्रत हैं, लेकिन प्रदोष व्रत उनमें सबसे खास महत्व रखता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत को देवों के देव भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। जिस तरह महीने में दो बार एकादशी मनाई जाती है, उसी तरह प्रदोष व्रत भी महीने में दो बार रखा जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। आइए आपको बताते हैं कि नवंबर में प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा।
नवंबर प्रदोष व्रत 2025
नवंबर माह में एक प्रदोष व्रत कार्तिक मास का अंतिम (शुक्ल पक्ष) प्रदोष व्रत होगा और दूसरा मार्गशीर्ष मास का पहला (कृष्ण पक्ष) प्रदोष व्रत होगा। हालाँकि, ये दोनों प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ेंगे, इसलिए इन्हें सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
नवंबर में पहला प्रदोष व्रत कब है?
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 नवंबर को सुबह 5:07 बजे से शुरू हो रही है। त्रयोदशी तिथि 4 नवंबर को सुबह 2:05 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, नवंबर का पहला प्रदोष व्रत 3 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 5:34 बजे से रात 8:11 बजे तक।
नवंबर में दूसरा प्रदोष व्रत कब है?
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 नवंबर को सुबह 4:47 बजे से शुरू हो रही है। त्रयोदशी तिथि 18 नवंबर को सुबह 7:12 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, नवंबर का दूसरा प्रदोष व्रत 17 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा।
प्रदोष काल पूजा का शुभ समय शाम 5:27 बजे से रात 8:07 बजे तक है।
नवंबर 2025 में प्रदोष व्रत कब है?
नवंबर 2025 में दो प्रदोष व्रत होंगे- पहला 3 नवंबर (कार्तिक शुक्ल पक्ष) और दूसरा 17 नवंबर (मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष) को मनाया जाएगा।
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नवंबर 2025 में प्रदोष व्रत कब पड़ेंगे?
दोनों प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ते हैं, इसलिए इन्हें सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत का क्या महत्व है?
प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे शुभ व्रतों में से एक है। इसे करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
2025 में नवंबर प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है?
- 3 नवंबर: शाम 5:34 से रात 8:11 बजे तक
- 17 नवंबर: शाम 5:27 से रात 8:07 बजे तक
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प्रदोष व्रत की पूजा कैसे की जाती है?
प्रदोष काल में स्नान करके शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं। दीपक जलाएं, "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें और देवी पार्वती के साथ भगवान शिव की आरती करें।
क्या प्रदोष व्रत संतान या विवाह संबंधी मनोकामनाएं पूरी करता है?
ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने से संतान सुख, वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
