मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए भक्तों का दल प्रयागराज की ओर प्रस्थान कर रहा है। अगर आप यह पुण्य स्नान नहीं कर सकते हैं, तो अपनी राशि के अनुसार कुछ उपाय करें, सफलता आपकी होगी।
Pradosh Vrat January 2025: 27 जनवरी, सोमवार को एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस एक दिन उपवास करने से 2 व्रतों का शुभ फल मिलेगा। सालों में एक बार ऐसा योग बनता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
Mauni Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना गया है। इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने और जरूरतमंदों तो दान करने का विशेष महत्व है। इस बार मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार को है।
Mauni Amavasya 2025 Shubh Muhurat: माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस तिथि का धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन पवित्र नदी में दान करने और जरूरतमंदों को दान करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है।
Maghi Gupt Navratri 2025: माघ मास की गुप्त नवरात्रि का धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है। ये नवरात्रि तंत्र-मंत्र के लिए बहुत ही खास माना गई है। जानें 2025 में कब से शुरू होगी माघी गुप्त नवरात्रि?
Shattila Ekadashi 2025 Date: माघ मास के कृष्ण पक्ष में एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस दिन तिल का उपयोग 6 कामों में किया जाता है, इसलिए इसे षटतिला कहते हैं।
Sakat Chaturthi 2025 Kab Hai: माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चतुर्थी कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार ये व्रत जनवरी 2025 में किया जाएगा। जानें कब है सकट चतुर्थी 2025?
Surya Mantra: इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन यदि सूर्यदेव के मंत्रों का जाप विधि-विधान से किया जाए तो हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है।
Paush Putrada Ekadashi 2025: एक हिंदू वर्ष में कुल 24 एकादशी होती है। इन सभी के नाम, महत्व और कथा अलग-अलग है। पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इसका विशेष महत्व है।
SuryaDev Aarti: हिंदू धर्म में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है यानी वो देवता जिन्हें हम अपनी आंखों से देख सकते हैं। पंचदेवों में भी सूर्य की पूजा का विधान है। इसकी वजह है कि बिना सूर्य की रोशनी से पृथ्वी पर जीवन संभव ही नहीं है।