Nirjala Ekadashi 2023 Parna Muhurat: इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई, बुधवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी का एक नाम भीमसेनी एकादशी भी है।
Gayatri Jayanti 2023: इस बार गायत्री जयंती का पर्व 30 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनसुार, इसी तिथि पर वेदमाता गायत्री प्रकट हुई थीं, इसलिए इस तिथि पर इनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है।
Mahesh Navami 2023: इस बार महेश नवमी का पर्व 29 मई, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। लोक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इसे महेश नवमी कहते हैं।
Vinayaki Chaturthi May 2023: इस बार विनायकी चतुर्थी का व्रत 23 मई, मंगलवार को किया जाएगा। मंगलवार को चतुर्थी तिथि होने से ये अंगारकी चतुर्थी भी कहलाएगी। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
Shani Jayanti 2023 Shubh Muhurat :इस बार 19 मई, शुक्रवार को शनि जयंती का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, इसी दिन सूर्यपुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। इस बार शनि जयंती पर की शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस पर्व का महत्व बहुत बढ़ गया है।
Budh Pradosh May 2023: इस बार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 17 मई, बुधवार को किया जाएगा। प्रदोष तिथि बुधवार को होने से ये बुध प्रदोष कहलाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से करने का विधान है।
Achala Ekadashi 2023: इस बार ज्येष्ठ मास की अचला एकादशी का व्रत 15 मई, सोमवार को किया जाएगा। इसे अपरा एकादशी भी कहते हैं। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये व्रत और भी खास हो गया है।
Bada Mangal 2023: इस बार ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल 9 मई को है। इसे बुढ़वा मंगल भी कहते हैं। इस दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। इस पर्व को लेकर कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं।
Sankashti Chaturthi May 2023: ज्येष्ठ मास का संकष्टी चतुर्थी व्रत इस बार 8 मई, सोमवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते ये तिथि और भी खास हो गई है।
Budh Pradosh Vrat 2023: इस बार 3 मई, बुधवार को प्रदोष व्रत किया जाएगा। बुधवार को प्रदोष तिथि होने से ये बुध प्रदोष कहलाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।