Narasimha Jayanti 2023: इस बार नृसिंह चतुर्दशी का पर्व 4 मई, गुरुवार को मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने नृसिंह रूप लेकर हिरण्यकश्यप का अंत किया था। इस दिन नृसिंह मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है।
Mohini Ekadashi 2023 Parna Muhurat: इस बार मोहिनी एकादशी का व्रत 1 मई, सोमवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
Sita Navmi 2023 Puja Vidhi: इस बार सीता नवमी का पर्व 29 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, त्रेतायुग में इसी तिथि पर देवी लक्ष्मी ने सीता के रूप में अवतार लिया था। इस दिन देवी सीता की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
Baglamukhi Jayanti 2023: इस बार देवी बगलामुखी की जयंती 28 अप्रैल, शुक्रवार को मनाई जाएगी। देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक है और तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए इनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। इनका एक नाम पितांबरा भी है।
Chandal Yog 2023: 22 अप्रैल से गुरु ग्रह मीन से निकलकर मेष राशि में आ चुका है। ऐसा होते ही गुरु-चांडाल नाम का अशुभ योग शुरू हो चुका है, जो 30 अक्टूबर तक रहेगा। इस अशुभ योग से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारें में…
Parshuram Jayanti 2023: इस बार परशुराम जयंती का पर्व 22 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब धरती पर क्षत्रियों का अत्याचार काफी बढ़ गया तब भगवान विष्णु ने परशुराम का अवतार लेकर क्षत्रियों का नाश किया था।
Akshaya Tritiya 2023: इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में स्थाई रूप से लक्ष्मी का वास हो जाता है।
Som Pradosh March 2023: इस बार 17 मार्च, सोमवार को प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन सोमवार होने से ये सो प्रदोष कहलाएगा। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम को करने का विधान है।
Varuthini Ekadashi 2023: इस बार वरुथिनी एकादशी का व्रत 16 अप्रैल, रविवार को किया जाएगा। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन कई शुभ योग भी रहेंगे, जिसके चलते ये व्रत और भी शुभ फल देने वाला रहेगा।
Shubh Muhurat May 2023:14 अप्रैल, शुक्रवार को सूर्य राशि बदलकर मीन से मेष में आ चुका है। ऐसा होते ही खरमास भी समाप्त हो चुका है। आमतौर पर खरमास समाप्त होने के बाद विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।