Chaitra Navratri 2023: देवी दुर्गा के अनेक रूप हैं, इनमें से 9 रूपों की पूजा नवरात्रि के दौरान की जाती है। नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा करने का विधान है। इन देवी की पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
Durga Saptshati Mantra: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 30 मार्च, गुरुवार तक मनाया जाएगा। इस दौरान देवी मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाए तो हर दुख-परेशानी दूर हो सकती है, साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
Kanya Pujan 2023: इन दिनों चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है। नवमी के अंतिम दिनों यानी अष्टमी व नवमी तिथि पर कन्या पूजा की परंपरा भी है। इस परंपरा को निभाते समय अनेक बातों का ध्यान रखना पड़ता है, तभी इसका पूरा फल मिलता है।
chaitra navratri 2023: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इनकी पूजा से लंबी उम्र और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। इन देवी का रूप बहुत ही सौम्य है। देवी कूष्मांडा को भूरे कद्दू की बलि अति प्रिय है।
Vinayaki Chaturthi March 2023: इस बार 25 मार्च, शनिवार को विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। ये व्रिक्रम संवत 2080 का पहला विनायकी चतुर्थी व्रत रहेगा। इस दन कई शुभ योग भी रहेंगे, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ जाएगा।
Gangaur Teej 2023: चैत्र मास में गणगौर तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस पर्व में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार ये पर्व 24 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। ये राजस्थान का लोक उत्सव है।
Chaitra Navratri 2023: देवी दुर्गा का तीसरा रूप माता चंद्रघंटा का है। चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा की जाती है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र स्थित है, इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा रखा गया है। इनका एक नाम शिवदूती भी है।
Navratri 2023 Day 2: 23 मार्च, गुरुवार को चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। देवी का ये रूप अत्यंत सुंदर है। इन देवी की पूजा करने से मन को शांति मिलती है और दुख दूर होता है।
Chaitra Navratri Rashi Anusar Upay: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 22 से 30 मार्च तक मनाया जाएगा। इस दौरान रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। भक्त अलग-अलग उपायों से देवी को प्रसन्न करने का प्रयास करेंगे।
Chaitra Navratri 2023: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 22 मार्च, बुधवार से शुरू हो रहा है, जो 30 मार्च तक रहेगा। नवरात्रि के पहले दिन शुभ योग में घट यानी कलश स्थापना की जाएगी। 9 दिनों तक माता के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी।