सार

April 2023 Festival Calendar: साल 2023 का चौथा महीना अप्रैल कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे, जिनमें अक्षय तृतीया भी एक है। 14 अप्रैल को खर मास समाप्त हो जाएगा।

 

उज्जैन. साल 2023 का चौथा महीना अप्रैल शुरू होने वाला है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इस महीने में 6 अप्रैल तक हिंदू पंचांग का चैत्र मास रहेगा, वहीं इसके बाद वैशाख मास शुरू हो जाएगा। (April 2023 Festival Calendar) इस महीने में हनुमान जन्मोत्सव, कामदा एकादशी, वरुथिनी एकादशी, अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और सीता नवमी आदि कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। आगे जानिए अप्रैल 2023 में मनाए जाने वाले त्योहारों की पूरी डिटेल…

अप्रैल 2023 व्रत-त्योहार
1 अप्रैल, शनिवार- कामदा एकादशी व्रत
2 अप्रैल, रविवार- मदन द्वादशी
3 अप्रैल, सोमवार- प्रदोष व्रत
4 अप्रैल, मंगलवार- महावीर स्वामी जयंती
5 अप्रैल, बुधवार- रेणुका चतुर्दशी
6 अप्रैल, गुरुवार- स्नान दान पूर्णिमा/ हनुमान जन्मोत्सव
9 अप्रैल, रविवार- गणेश चतुर्थी व्रत
16 अप्रैल, रविवार- वरुथिनी एकादशी
17 अप्रैल, सोमवार- प्रदोष व्रत
18 अप्रैल, मंगलवार- शिव चतुर्दशी व्रत
19 अप्रैल, बुधवार- श्राद्ध अमावस्या
20 अप्रैल, गुरुवार- स्नानदान अमावस्या
22 अप्रैल, शनिवार- अक्षय तृतीया
23 अप्रैल, रविवार- विनायकी चतुर्थी व्रत
25 अप्रैल, मंगलवार- सूरदास जयंती/ आद्य शंकराचार्य जयंती
27 अप्रैल, गुरुवार- गंगा सप्तमी
29 अप्रैल, शनिवार- सीता नवमी

हनुमान जन्मोत्सव पर समाप्त होगा चैत्र मास
इस बार हनुमान जन्मोत्सव का पर्व 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। ये पर्व हर साल चैत्र मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान शिव ने पवनपुत्र हनुमान के रूप में अवतार लिया था। मान्यता है कि हनुमानजी आज भी जीवित हैं।

14 अप्रैल को खत्म होगा खर मास
हिंदू धर्म में खर मास का धार्मिक महत्व है। हर साल ये महीना 15 मार्च से 14 अप्रैल तक आता है। इस महीने में सूर्य गुरु की राशि मीन में रहते हैं, जिसके चलते कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किए जाते। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व है। खर मास से जुड़ी और भी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं, जो इसे खास बनाती हैं।

अक्षय तृतीया भी इसी महीने में
ज्योतिष शास्त्र में चार अबूझ मुहूर्त बताए गए हैं, इनमें से अक्षय तृतीया भी एक है। ये पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने अति क्रोधी परशुराम के रूप में अवतार लिया था। इसलिए इस दिन परशुराम जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।



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