Hindu beliefs related to broom: झाड़ू एक ऐसी चीज है जो हर घर में पाई जाती है। इससे भले ही घर की साफ-सफाई की जाती है, लेकिन हिंदू धर्म में इसे बहुत खास माना जाता है। कुछ खास मौकों पर इसकी पूजा करने की परंपरा भी है।
Holashtak 2023: होली से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है। धर्म ग्रंथों में इसे अशुभ समय बताया गया है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किया जाता है। इस बार होलाष्टक 27 फरवरी, सोमवार को शुरू हो रहा है।
Amalaki Ekadashi 2023: फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 3 मार्च, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Bhanu Saptami 2023: इस बार 26 फरवरी को भानु सप्तमी है। इस दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है। मान्यता के अनुसार, भानु सप्तमी पर की गई सूर्यदेव की पूजा बहुत ही शुभ फल प्रदान करती है।
Tirupati Birthday: तिरुपति भारत के प्रमुख धार्मिक शहरों में से एक है। यहां स्थित भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। 24 फरवरी को इस शहर का 893वां जन्मदिन मनाया जा रहा है।
March 2023 Festival Calendar: साल 2023 का तीसरा महीना मार्च कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। इस महीने में हिंदू नववर्ष की शुरूआत होगी और चैत्र नवरात्रि का पर्व भी मनाया जाएगा। और भी कई प्रमुख व्रत-त्योहार इस महीने में रहेंगे।
Bhanu Saptami 2023: इस समय फाल्गुन मास चल रहा है। ये हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इस महीने में सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस बार फाल्गुन मास में भानु सप्तमी का शुभ योग 26 फरवरी, रविवार को बन रहा है।
Vinayaki Chaturthi February 2023: विक्रम संवत 2079 का अंतिम विनायकी चतुर्थी व्रत 23 फरवरी, गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी तिथि रहेगी। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
Holi 2023: होली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये पर्व 2 दिन मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन रंग-गुलाल लगाकार होली खेली जाती है। इस बार होलिका दहन पर कई शुभ योग बन रहे हैं।
Somvati Amavasya 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक महीने में दो पक्ष होते हैं शुक्ल और कृष्ण। कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या कहते हैं। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इसलिए इस तिथि पर श्राद्ध, तर्पण आदि कार्य किए जाते हैं।