Somvati Amavasya 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिस सोमवार को अमावस्या का संयोग बनता है, उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस बार साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या का संयोग फरवरी में बन रहा है। कई शुभ योग भी इस दिन बनेंगे।
February 2023 Shubh Muhurat: साल 2023 का दूसरा महीना फरवरी शुरू होने वाला है। इस पूरे महीने में विवाह आदि कार्य किए जा सकेंगे। फरवरी में शुक्र और गुरु ग्रह की युति मीन राशि में बनेगी, ये शुभ योग संयोग है।
Mahashivratri 2023: इस बार महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन व्रत करने से दोगुना फायदा मिलेगा। इस बार स्मार्त और वैष्णव अलग-अलग महाशिवरात्रि पर्व मनाएंगे। तिथियों की घट-बढ़ के कारण ऐसा होगा। कई शुभ योग इस तिथि का महत्व बढ़ाएंगे।
Jaya Ekadashi 2023: माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। कई ग्रंथों में इसे अजा एकादशी भी कहा गया है। इस बार ये एकादशी 1 फरवरी, बुधवार को है। इस बार जया एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Gupt navratri 2023: 30 जनवरी, सोमवार को माघ मास की गुप्त नवरात्रि का अंतिम दिन है। इस दिन साधक देवी सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। इस दिन अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर तरह की मनोकामना पूरी हो सकती हैं और परेशानियां कम हो सकती हैं।
Maghi Purnima 2023: माघ मास के अंतिम दिन को माघी पूर्णिमा कहा जाता है। इस तिथि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन दान-पुण्य, पूजा आदि करने से उसका फल कई गुना होकर प्राप्त होता है। इस बार ये तिथि 5 फरवरी, रविवार को है।
Achala Saptami 2023: इस बार अचला सप्तमी का व्रत 28 जनवरी, शनिवार को किया जाएगा। इसे रथ सप्तमी भी कहते हैं। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। धर्म ग्रंथों में भी इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।
Narmada Jayanti 2023: हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 28 जनवरी, शनिवार को है। मान्यता है कि इसी तिथि पर नर्मदा नदी धरती पर अवतरित हुई थीं।
Planetary change february 2023: साल 2023 का दूसरा महीना फरवरी शुरू होने वाला है। इस महीने में कई ग्रह राशि बदलेंगे, जिसके कई शुभ-अशुभ योगों का निर्माण होगा। इसका प्रभाव सभी 12 राशि के लोगों के साथ-साथ पूरी देश-दुनिया पर भी दिखाई देगा।
Basant Panchami 2023: ज्ञान प्राप्ति के लिए देवी सरस्वती की पूजा अनिवार्य बताई गई है। हर साल वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा करने का विधान है। इस बार ये तिथि 26 जनवरी, गुरुवार को है। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं।