Sankashti Chaturthi 2022: इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत 12 नवंबर, शनिवार को किया जाएगा। इस दिन चतुर्थी तिथि सुबह से शाम तक रहेगी। इस व्रत का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस व्रत में भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ चंद्रमा की पूजा भी की जाती है।
Kaal Bhairav Jayanti 2022: हिंदू धर्म में अनेक देवताओं की पूजा की जाती है, कालभैरव भी इनमें से एक है। कालभैरव को भगवान शिव का ही अवतार माना जाता है। देश में भगवान कालभैरव के कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिर हैं, जहां रोज भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
Vaikuntha Chaturdashi 2022: हिंदू धर्म में अनेक मान्यताएं और परंपराएं हैं। इन सभी के पीछे कोई-न-कोई धार्मिक, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण जरूर होता है। ऐसी ही एक मान्यता वैकुंठ चतुर्दशी से भी जुड़ी हुई है। इस बार ये तिथि 6 नवंबर, रविवार को है।
Shani Pradosh Vrat 2022: भगवान शिव को आदि व अनंत कहा जाता है यानी न तो कोई उनकी उत्पत्ति के बारे में जानता है और न ही कोई उनके अंत के बारे में। महीने में कई व्रत शिवजी को प्रसन्न करने के लिए ही किए जाते हैं। प्रदोष व्रत भी इनमें से एक है।
Vivah Muhurat 2022: आमतौर पर देवउठनी एकादशी से विवाह आदि मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इसका कारण शुक्र ग्रह है, जो अभी अस्त है। शुक्र ग्रह के उदय होने के बाद ही विवाह आदि मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे।
Devuthani Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इसे तिथि पर भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा की जाती है। साल में कुल 24 एकादशी होती है, इन सभी का अलग-अलग महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
Amla navami 2022: इस बार आंवला नवमी का पर्व 2 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। इस दन आंवला वृक्ष की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा हम पर बनी रहती है।
Gopashtami 2022: इस बार गोपाष्टमी का पर्व 1 नवबंर, मंगलवार को किया जाएगा। इस दिन गाय, बछड़ों को सजाया जाता है और पूजा भी की जाती है। इस पर्व से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। ये उत्सव हमें प्रकृति से जोड़ता है।
Chhath Puja 2022: हिंदू धर्म में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता कहा जाता है यानी वो देवता जिन्हें हम देख सकते हैं। सूर्य पूजा से संबंधित अनेक त्योहार समय-समय पर मनाए जाते हैं। छठ पूजा इन सभी में प्रमुख है। इस बार ये पर्व 28 से 31 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा।
Bhai Dooj Kab Hai: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। ये भाई-बहन के निश्चल प्रेम का प्रतीक है। इस बार ये पर्व एक नहीं बल्कि 2 दिनों तक मनाया जाएगा। ऐसा तिथियों में घट-बढ़ के कारण होगा।