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Palmistry: कैसी जीवन रेखा देती है गंभीर खतरे की चेतावनी, इस पर बना चौकोर निशान किस बात का संकेत है?
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जानें जीवन रेखा से जुड़ी खास बातें...
हस्तरेखा शास्त्र (Palmistry) में जीवन रेखा का काफी गहनता से अध्ययन किया गया है, क्योंकि यही रेखा हमारे जीवन को सबसे अधिक प्रभावित करती है। इस रेखा पर अगर कोई छोटा सा निशान भी हो तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इस निशान के भी कई अर्थ होते हैं। एशियानेट हिंदी ने अपने पाठकों के लिए हस्तरेखा (know future from palm line) की एक सीरीज शुरू की है, हस्तरेखा से जानें भविष्य। इस सीरीज के अंतर्गत पहले हम आपको जीवनरेखा से जुड़ी कई खास बातें बता चुके हैं। आज हम इस रेखा से जुड़ी अन्य बातें भी आपको बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं…
टूटन जीवन रेखा
यदि जीवनरेखा टूटन भरी हो या जगह-जगह से कटी-फटी हो तो वह स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे का संकेत देती है। खतरे की गंभीरता रेखा के टूटने के अनुपात से आंकी जाती है। यदि टूटन गहरी है तो खतरा गहरा है और यदि टूटन हल्की है तो खतरा हल्का है। गहरी व स्पष्ट जीवन रेखा में टूटन इतनी खतरनाक नहीं होती है जितनी खतरनाक चौड़ी-मोटी या शृंखलाकार जीवन रेखा में होती है।
जीवनरेखा पर चतुष्कोण
हथेली की जीवन रेखा पर टूटन को यदि चतुष्कोण या वर्ग अथवा अन्य सहायक रेखाओं से ढंक लिया जाता है या उन्हें जोड़ दिया जाता है तो खतरा टल जाता है, जिससे व्यक्ति की लंबी आयु प्राप्त होती है। इसी प्रकार जीवन रेखा के पास से यानी आयुरेखा के घेरे के पास भीतर की ओर चल रही मंगल रेखा भी दुर्घटनाओं से बचाव कराती है। हथेली पर ऐसे निशान बहुत शुभ माने गए हैं।
जीवनरेखा में आंतरिक मोड़ वाली टूटन
यदि टूटी हुई आयु रेखा पीछे की ओर मुड़ जाये तो समझ ले कि खतरा गम्भीर है। टूटन का मोड़ जितना अन्दर की ओर होगा, सेहत या दुर्घटना में ठीक होने की आशंका उतनी ही ज्यादा होगी। जीवन रेखा की टूटन को मापें, टूटन के मोड़ को देखें सहायक रेखाओं या अन्य माध्यमों के द्वारा क्षतिपूर्ति की सम्भावना को भी देखें, तभी आने वाले खतरे का सही अन्दाजा लगाया जा सकता है।
निरंतर कमजोर होती बारीक टुकड़ो में बंटी जीवनरेखा
विखण्डित जीवन रेखा प्रत्येक टुकड़े के बाद पतली, और पतली होती चली जाये तो ऐसा व्यक्ति हर बीमारी के बाद और अधिक बीमार व कमजोर होता चला जाता है। जिसके कारण उसमें बीमारी से लड़ने की शक्ति नहीं रहती। वह तब तक कमजोर होता चला जायेगा जब तक कि वह पूर्ण रूप से शक्तिहीन न हो जाये। इस प्रकार की रेखा व्यक्ति के जीवन में प्राकृतिक प्रकोप एवं रोगों की स्थिति दर्शाती है।
जीवनरेखा पर टूटन के बाद बनी जंजीर श्रृंखला
कई बार यह देखा जाता है कि जीवनरेखा कुछ दूर चल कर टूट जाती है। इसके बाद काफी दूरी के बाद जंजीरयुक्त जीवनरेखा काफी दूरी तक जाती है। इसके बाद जीवन रेखा टूटने के बाद जंजीरयुक्त शृंखला शुरू होती है जो कष्टपूर्ण रोग बताती है। ऐसी अवस्था में व्यक्ति के ठीक होने के चांस बहुत कम होते हैं। उसका पूरा जीवन ही इन गंभीर रोगों में बीत जाता है।
लेखक परिचय
राजेन्द्र गुप्ता (Rajendra Gupta Astrologer) ज्योतिष जगत में एक जाना-पहचाना नाम है। आप वर्तमान में अजमेर (राजस्थान) में रहकर हस्तरेखा विषय पर निरंतर शोधपरक कार्य कर रहे हैं। आपने एम.ए. दर्शनशास्त्र में स्वर्णपदक प्राप्त किया है। साथ ही इतिहास और राजनीति शास्त्र विषयों पर भी आपने एम. ए. किया है। साहित्यागार प्रकाशन जयपुर से हिंदी व्याकरण पर आपकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। रेडियो-टीवी पर भी आपकी कई खोजपरक रिपोर्ट और वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।