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Bhojan Mantra: ‘ऊं सह नाववतु सह नौ भुनक्तु’, भोजन से पहले क्यों बोलते हैं ये मंत्र? जानें अर्थ, महत्व और फायदे
Bhojan Mantra: हिंदू धर्म में भोजन करने से पहले एक विशेष मंत्र बोलने की परंपरा है। इसे भोजन मंत्र कहते हैं। मान्यता है कि भोजन शुरू करने से पहले ये मंत्र बोलने से कईं तरह के फायदे हमें मिलते हैं।

जानें भोजन मंत्र से जुड़ी खास बातें
Bhojan Mantra Ke Fayde: धर्म ग्रंथों में दैनिक जीवन से जुड़े अनेक मंत्रों के बारे में बताया गया है। भोजन मंत्र भी इनमें से एक है। पुरातन समय से ही ये मंत्र बहुत प्रचलित है। भोजन शुरू करने से पहले ये मंत्र बोलना जरूरी माना जाता है लेकिन समय के साथ ये परंपरा धीरे-धीरे खत्म सी हो गई है। हालांकि गुरुकुल आदि स्थानों पर आज भी शिष्यों को भोजन मंत्र बोलने की शिक्षा दी जाती है और इसके फायदे भी बताए जाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा से जानें भोजन मंत्र किस ग्रंथ से लिया गया है, इसका अर्थ क्या है और इससे मिलने वाले फायदों के बारे में…
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क्या है भोजन मंत्र का अर्थ?
ऊं सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्विषावहै॥
ऊं शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
अर्थ- हम दोनों (गुरु-शिष्य) की रक्षा हो। हम साथ में भोजन ग्रहण कर पोषक तत्व प्राप्त करें। साथ मिलकर शक्तिशाली और पराक्रमी बनें। हमारा पढ़ा हुआ ज्ञान तेजस्वी हो। हम दोनों एक-दूसरे से द्वेष न करें। सभी प्रकार की शांति हो।
क्या है भोजन मंत्र का महत्व?
भोजन मंत्र तैत्तिरीय उपनिषद से लिया गया है, जो कृष्ण यजुर्वेद का हिस्सा है। यह एक शांति मंत्र है जिसे शिक्षक और छात्र साथ मिलकर ईश्वरीय आशीर्वाद और अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण की कामना करते हुए जपते हैं। मान्यता है कि भोजन करते समय जैसी मनोवृत्ति होती है, वैसे ही विचार उसके मन में आते हैं। इसलिए इस मंत्र को भोजन से पहले बोला जाता है, जिसस गुरु और शिष्य में सौहार्द बना रहे और वे साथ उन्नति करें।
भोजन मंत्र बोलने के फायदे
1. भोजन शुरू करने से ये मंत्र बोलने से मन शांत रहता है और खाने के प्रति मन में कृतज्ञता का भाव रहता है।
2. भोजन मंत्र बोलने से पाचन क्रिय में सुधार होता है और शरीर के बल में वृद्धि होती है।
3. भोजन मंत्र बोलने से खाना पवित्र हो जाता है और शरीर में सात्विक ऊर्जा बनी रहती है।
4. इस मंत्र को बोलने से हम कईं तरह के पापों से मुक्त हो जाते हैं क्योंकि खेत में जुताई करते समय, अनाज पीसते समय व अन्य कारणों से अनजाने में जीव हत्या हो जाती है।
5. ऐसा भी कहते हैं कि भोजन मंत्र बोलने से बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास अच्छे से होता है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।