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Parshuram Jayanti 2024: महाभारत युद्ध में भगवान परशुराम के कौन-से 3 शिष्य बने थे कौरवों के सेनापति?

Parshuram Jayanti 2024: हर साल वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 10 मई, शुक्रवार को है। भगवान परशुराम ब्राह्मण होकर भी महान पराक्रमी थे। उनके कईं शिष्य भी परम शूरवीर थे। 

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Manish Meharele
Published : May 09 2024, 02:49 PM IST
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कब है परशुराम जयंती 2024?
Image Credit : adobe stock

कब है परशुराम जयंती 2024?

Interesting facts about Lord Parshuram: इस बार परशुराम जयंती का पर्व 10 मई, शुक्रवार को मनाया जाएगा। भगवान परशुराम जन्म से ब्राह्मण थे, लेकिन इनके कर्म क्षत्रियों वाले थे। इन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर अनेक दिव्यास्त्र प्राप्त किए थे, जिनसे उन्होंने 21 बार धरती से क्षत्रियों का सर्वनाश किया था। भगवान परशुराम के कईं शिष्य थे, लेकिन इनमें 3 सबसे प्रमुख थे। खास बात ये है कि इन तीनों शिष्यों ने महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से युद्ध किया था और तीनों ही कौरवों के सेनापति भी बने थे। आगे जानिए भगवान परशुराम के इन 3 शिष्यों के बारे में…

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भीष्म पितामाह थे परशुराम के शिष्य
Image Credit : wikipedia

भीष्म पितामाह थे परशुराम के शिष्य

राजा शांतनु और गंगा के पुत्र महात्मा भीष्म परशुराम के सबसे पराक्रमी शिष्य थे। महाभारत के अनुसार, एक बार भगवान परशुराम और भीष्म में भयानक युद्ध भी हुआ था। इस युद्ध में किसी जीत हुई न हार। इस तरह ये शिष्य बिना किसी निर्णय से ही समाप्त हो गया। महाभारत युद्ध में कौरवों के पहले सेनापति भीष्म पितामाह ही थे, जिनका वध अर्जुन ने किया था।

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द्रोणाचार्य ने भी भगवान परशुराम से पाई थी शिक्षा
Image Credit : facebook

द्रोणाचार्य ने भी भगवान परशुराम से पाई थी शिक्षा

कौरव और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने भी भगवान परशुराम से ही शिक्षा प्राप्त की थी। उन्हें गुरु परशुराम ने अनेक दिव्यास्त्र भी दिए थे। महाभारत युद्ध में गुरु द्रोणाचार्य ने कौरवों का साथ दिया था और वे कौरव सेना के दूसरे सेनापति बने थे। उनका वध राजा द्रुपद के पुत्र धृष्टद्युम्न ने किया था।

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गुरु परशुराम का तीसरा शिष्य थे कर्ण
Image Credit : wikipedia

गुरु परशुराम का तीसरा शिष्य थे कर्ण

दुर्योधन का परम मित्र और अंगदेश के राजा कर्ण भगवान परशुराम के तीसरे शिष्य थे, जिन्होंने महाभारत युद्ध में कौरवों का साथ दिया था। कर्ण भी कौरव सेना के सेनापति बने थे। महाभारत के अनुसार, गुरु परशुराम ने ही अपने शिष्य कर्ण को ये श्राप दिया था कि जब उन्हें इस ज्ञान की सबसे ज्यादा जरूरत होगी, तब वह उनके किसी काम नहीं आएगी। इसी श्राप के चलते अर्जुन ने कर्ण का वध कर दिया था।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

About the Author

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Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया में 19 साल का अनुभव, अभी एशियानेट न्यूज हिंदी के डिजिटल में काम कर रहे हैं। महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। ज्योतिष-हस्तरेखा, उपाय, वास्तु, कुंडली जैसे टॉपिक पर पकड़ है। यह जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक हैं । करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की। 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर डॉट कॉम में धर्म डेस्क पर काम किया है।

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