Karwa Chauth 2025: करवा चौथ महिलाओं का सबसे प्रिय त्योहार है। इसका इंतजार महिलाओं को बहुत ही बेसब्री से रहता है। इस व्रत में महिलाएं चंद्रमा की पूजा विशेष रूप से करती हैं। इस बार ये व्रत अक्टूबर 2025 में किया जाएगा।
Karwa Chauth Tradition: धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इसे करक चतुर्थी भी कहते हैं। इस बार ये पर्व 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस पर्व का सबसे ज्यादा इंतजार महिलाओं को रहता है। इस दिन महिलाएं संज-संवरकर चंद्रमा के दर्शन-पूजन करती हैं और इसके बाद अपने पति से आशीर्वाद लेती हैं। करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा क्यों की जाती है, इसे लेकर कईं मान्यताएं हैं, जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी रोचक वजह…
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करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा क्यों?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, चंद्रमा की 27 पत्नियां हैं। इनमें से चंद्रमा को सबसे अधिक प्रिय रोहिणी नाम की पत्नी है। करवा चौथ पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में ही होता है। चंद्रमा का रोहिणी नक्षत्र में होना बहुत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस शुभ योग में चंद्रमा की पूजा की जाए तो पति-पत्नी में प्रेम बना रहता है और वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है।
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रोहिणी-चंद्रमा जैसा अमर रहे प्रेम
अनेक कथाओं में चंद्रमा और रोहिणी के प्रेम का वर्णन मिलता है। करवा चौथ पर जब महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं तो प्रार्थना करती हैं कि उनकी जोड़ी भी चंद्रमा और रोहिणी की तरह बनी रहे। इसमें किसी तरह की बाधा न आए। वैसे तो साल में कईं बार चंद्रमा और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनता है लेकिन करवा चौथ पर इसका विशेष महत्व माना गया है।
चतुर्थी तिथि के स्वामी हैं भगवान श्रीगणेश
धर्म ग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं। श्रीगणेश का एक नाम भालचंद्र भी है यानी जिनके सिर पर चंद्रमा हो। चतुर्थी तिथि पर श्रीगणेश के साथ चंद्रमा की पूजा करने से और भी अधिक शुभ फल मिलते हैं। चतुर्थी तिथि पर पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है और इसके बाद चंद्रमा की। इन दोनों की पूजा के बाद ही करवा चौथ का व्रत पूर्ण माना जाता है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
