Amarnath Yatra 2023 Registration: हर साल की तरह इस साल की प्रसिद्ध अमरनाथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार ये यात्रा 60 दिनों की होगी। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 17 अप्रैल 2023 सोमवार से शुरू हो चुका है।
इस बार 16 अप्रैल, रविवार को वरुथिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है और परेशानी टल सकती है। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे। जानें इस दिन के उपाय…
जब सूर्य मेष राशि में आता है तो सौर वर्ष शुरू होता है। इस मौके पर देश भर में कई त्योहार मनाए जाते हैं। पंजाब में बैसाखी, असम में बोहाग बिहू और कोलकाता में चरक पूजा की जाती है। आगे तस्वीरों मे देखिए 14 अप्रैल को धार्मिक उत्सवों की झलकियां…
Poila Baisakh 2023: हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में नववर्ष को लेकर कई मान्यताएं हैं। कई स्थानों पर सौर कैलेंडर का प्रचलन है तो कहीं चंद्र कैलेंडर का। बंगाल में नया साल सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। इसे पोइला बैसाख कहते हैं।
Panchak: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक काल हर महीने आता है। इसे अशुभ समय मानते हैं। ये पांच नक्षत्रों का एक समूह है। पंचक के दौरान कुछ काम करने की मनाही है। मान्यता है कि ऐसा करना अशुभ होता है इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
Surya Grahan 2023: खगोलविदों के अनुसार, सूर्य व चंद्र ग्रहण सामान्य घटनाएं हैं। साल में 3 से 4 ग्रहण होते हैं। इनमें से कुछ सूर्य तो कुछ चंद्र ग्रहण होते हैं। भारत में ग्रहण को ज्योतिष व धर्म से जोड़कर देखा जाता है।
Hindu Traditions: हर साल 13-14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करता है। मेष राशि चक्र की पहली राशि है। यानी ये कह सकते हैं इस दिन से सौर नववर्ष का आरंभ होता है। इस मौके पर कई त्योहार मनाए जाते हैं।
Baisakhi 2023: इस बार 14 अप्रैल, शुक्रवार को बैसाखी का पर्व मनाया जाएगा। वैसे तो ये पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से पंजाबियों का त्योहार है। इस दिन पंजाब में लोग नाच-गाकर ये उत्सव मनाते हैं।
Vishu Festival 2023: विषु केरल के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस बार ये पर्व 15 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन से मलयाली नया साल शुरू होता है।
Chandal Yog 2023: 22 अप्रैल को गुरु राशि बदलकर मीन से मेष में प्रवेश करेगा। मेष राशि में पहले से ही राहु स्थित है। राहु और गुरु के एक ही राशि में होने से चांडाल नाम का अशुभ योग बनेगा। इस योग का दुष्प्रभाव कई राशि के लोगों पर दिखाई देगा।