महाभारत में ऐसी अनेक रोचक बातें हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। ये बात तो सभी जानते हैं कि पांडवों में से सिर्फ युधिष्ठिर ही सशरीर स्वर्ग गए थे, लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि स्वर्ग जाने से पहले युधिष्ठिर को नर्क ले जाया गया था।
घर में भी देवी-देवताओं के लिए मंदिर बनवाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। आज भी काफी लोग इस परंपरा का पालन करते हैं और अपने-अपने घर में मंदिर बनवाते हैं।
22 जून से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो चुका है, जिसका समापन 29 जून को होगा। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में किए गए उपाय जल्दी ही शुभ फल प्रदान कर सकते हैं।
उज्जैन. कई बार काफी मेहनत करने के बाद भी मनचाही सफलता हाथ नहीं लगती। ऐसे में वास्तु शास्त्र आपकी मदद कर सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं वास्तु की 8 ऐसी टिप्स, जिन्हें खास तौर पर ऑफिस में काम करने वाले लोगों को फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें करियर में मनचाही सफलता मिल सकती है। जानिए कौन-सी हैं वे 8 खास वास्तु टिप्स...
सभी लोगों के जीवन में कई बातें ऐसी होती हैं, जिन्हें हम अपने दोस्तों या फिर रिश्तेदार करीबियों से जरूर बताते हैं। इससे हमारा मन हल्का हो जाता है।
किसी भी महिला के लिए शादी के बाद गले में मंगलसूत्र पहनना अनिवार्य परंपरा है। ये सोलह श्रृंगार में से एक है।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 22 जून, सोमवार से 29 जून तक मनाया जाएगा।
उज्जैन. इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 22 से 29 जून तक मनाई जाएगी। पंचमी और षष्ठी तिथि एक ही दिन होने से इस बार गुप्त नवरात्रि 8 दिनों की होगी। गुप्त नवरात्रि में रोज देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में किस दिन देवी के कौन-से रूप की पूजा करें, जानिए-
इस बार 21 जून को आषाढ़ मास की अमावस्या है। इसे हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। इस अमावस्या पर स्नान, दान, श्राद्ध व व्रत का विशेष महत्व हमारे धर्म ग्रंथों में लिखा है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने की अमावस्या 21 जून को आ रही है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस पर्व का विशेष महत्व है। इसे हलहारिणी अमावस्या कहते हैं।