हिंदू धर्म में एक परंपरा ये भी है कि किसी भी शुभ काम पर जाने से पहले दही और शक्कर खाई जाती है।
मकर संक्रांति इस बार 14 नहीं 15 जनवरी, बुधवार को मनाई जाएगी।
रामचरितमानस की चौपाइयों में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक ऐसी बातें बताई हैं, जो आज के समय में भी हमें सही रास्ता दिखाती हैं।
पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी का महत्व पुराणों में भी लिखा है।
पुराने समय से ही परंपरा चली आ रही है कि जब भी हम किसी विद्वान व्यक्ति या उम्र में बड़े व्यक्ति से मिलते हैं तो उनके पैर छूते हैं। इस परंपरा को मान-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
6 जनवरी, सोमवार को पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे पुत्रदा एकादशी करते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास किया जाता है। सोमवार को शिवजी की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
हिंदू धर्म के अंतर्गत किए जाने वाले 16 संस्कारों में नामकरण संस्कार भी प्रमुख है। इस संस्कार में जन्म कुंडली के आधार पर नए जन्मे बच्चे का नाम रखा जाता है।
जिन लोगों की कुंडली में ग्रहों के दोष होते हैं, उन्हें भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। किसी भी काम में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करना पड़ती है।
साल 2020 के पहले माह यानी जनवरी में कई विशेष पर्व आ रहे हैं। इसी माह से माघ मास स्नान के शुरू जाएंगे। इन दिनों में पवित्र नदियों में स्नान करने की परपंरा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के लिए गुरु ग्रह का अनुकूल होना अनिवार्य है। जिनकी कुंडली में गुरु अशुभ स्थान पर होता है, उन लोगों के विवाह में बहुत परेशानियां आती हैं।