आज (26 दिसंबर, गुरुवार) साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। ये ग्रहण सुबह सुबह 8.04 बजे से ग्रहण का आरंभ होकर सुबह 9.30 बजे मध्य काल और सुबह 10.56 बजे ग्रहण खत्म होगा।
26 दिसंबर, गुरुवार को सूर्यग्रहण होगा। ये ग्रहण भारत में अधिकतम स्थानों पर खंडग्रास सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देगा। दक्षिण भारत के कुछ स्थानों पर कंकणाकृति सूर्यग्रहण भी दिखाई देगा।
26 दिसंबर, गुरुवार को खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। यह साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। इस समय धनु राशि में 6 ग्रह एक साथ रहेंगे।
26 दिसंबर, गुरुवार को साल 2019 का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। ग्रहण में किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं।
ईश्वर के पुत्र जीसस इस धरती पर लोगों को जीवन की शिक्षा देने के लिये आए थे। जीसस ने कहा था कि ईश्वर सभी लोगों से प्यार करते हैं तथा हमें प्रेम को जीवन में अपनाकर ईश्वर की सेवा करनी चाहिये।
इस बार 26 दिसंबर, गुरुवार को कंकणाकृति सूर्यग्रहण है। वैसे तो ग्रहण को अशुभ माना जाता है, लेकिन इस दौरान किए गए ज्योतिषीय उपायों से जल्दी ही शुभ फल मिलते हैं।
मान्यता है कि प्रभु यीशु ने ही ईसाई धर्म की स्थापना की। ईसाई धर्म के प्रमुख ग्रंथों बाइबिल और न्यू टेस्टामेंट के आधार पर ईसा मसीह के प्रारंभिक जीवन की जानकारी प्राप्त होती है।
खुशी और उत्साह का प्रतीक क्रिसमस ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है। ईसाई समुदाय द्वारा यह त्योहार 25 दिसंबर को यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र की रचना की थी। इस ग्रंथ में सुखी और सफल जीवन के लिए नीतियां बताई गई हैं। अगर इन सूत्रों को अपना लिया जाए तो हम कई परेशानियों से बच सकते हैं।
हिंदू धर्म में की जाने पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार मंत्रों का असर बहुत प्रभावी होता है। इनके असर से ग्रहों की विपरीत दशा का प्रभाव दूर कर सुख, शांति और सफलता पाई जा सकती है।