11 जनवरी, शनिवार से माघ मास शुरू हो चुका है। मघा नक्षत्र से युक्त पूर्णिमा होने के कारण इस महीने का नाम माघ पड़ा।
हिंदू धर्म में भजन या आरती के समय ताली बजाने का प्रचलन है। इस परंपरा के पीछे न सिर्फ धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक कारण भी छिपा है। विज्ञान के अनुसार, हमारे शरीर के 29 एक्यूप्रेशर पॉइंटस हमारे हाथों में होते है।
सूर्य हर महीने अलग-अलग राशियों में रहता है। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 15 जनवरी, बुधवार को है।
महाभारत के प्रमुख पात्रों में से कर्ण भी एक है। कर्ण दुर्योधन का परम मित्र था। दुर्योधन ने कर्ण के भरोसे ही पांडवों से युद्ध करने का निर्णय लिया था।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेला शुरू हो चुका है, जो 9 फरवरी, रविवार तक रहेगा। इस दौरान यहां स्नान के लिए देश भर से श्रृद्धालु आएंगे, साथ ही 13 अखाड़ों के लाखों साधु-संत भी इकट्ठा होंगे। यहां नागा साधु लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं।
15 जनवरी, बुधवार को मकर संक्राति है। ये मुख्य रूप से सूर्यदेव की पूजा का पर्व है। ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल सकता है और किस्मत चमक सकती है।
13 जनवरी, सोमवार को संकटा गणेश चतुर्थी है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
दुकान का ईशान कोण खाली या हल्का रखें और स्वच्छता बनाएं रखें।
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकटा गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इसे तिल चतुर्थी भी कहते हैं।
इस बार 12 जनवरी, रविवार का दिन बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन एक नहीं तीन शुभ योग एक साथ बन रहे हैं। ये सभी योग पूरे दिन न रहकर दोपहर लगभग 1.50 तक ही रहेंगे।