विवाह, जन्मदिन या किसी अन्य शुभ अवसर पर उपहार देने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। काफी लोग देवी-देवताओं की मूर्तियां भी उपहार में देते हैं।
पौष मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 22 दिसंबर, रविवार को है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, शुक्राचार्य दैत्यों के गुरु थे, साथ ही अच्छे नीतिकार भी थे। शुक्राचार्य की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।
जब किसी की कुंडली में केतु अशुभ स्थान पर होता है तो उस व्यक्ति के जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं होता। उसे बुरी आदतें लग जाती हैं, जिसके कारण उसके मान-सम्मान में भी कमी आती है और जमा पूंजी का भी नाश होता है।
हर व्यक्ति के लिए नींद उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितना भोजन करना। जिस तरह बिना भोजन के शरीर काम नहीं कर सकता है, उसी तरह अगर समय पर नींद न ली जाए तो कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए आयुर्वेद में सभी को पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी गई है।
शास्त्रों में दिन के सभी आवश्यक कार्यों के लिए अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। नहाते समय भी हमें मंत्र जाप करना चाहिए।
न्यूमरोलॉजी यानी अंक ज्योतिष भी सभी के जीवन को प्रभावित करता है। डेट ऑफ बर्थ के अनुसार हर व्यक्ति का एक लकी नंबर होता है।
भगवान विष्णु की भक्ति का महीना मल मास 16 दिसंबर के शुरू हो चुका है, जो 14 जनवरी तक रहेगा। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है।
शकुन शास्त्र में बिल्ली का विशेष महत्व है। यदि कहीं जाते समय बिल्ली रास्ता काट जाए तो अशुभ माना जाता है।
पति-पत्नी की कुंडली में ग्रहों के दोष होते हैं तो वाद-विवाद स्थितियां ज्यादा बनती हैं। दोनों में से किसी एक की कुंडली में दोष होगा तब भी पति-पत्नी के झगड़े होने की संभावनाएं रहती हैं।