धर्म ग्रंथों के अनुसार दत्तात्रेय भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। श्रीमद्भागवत आदि ग्रंथों के अनुसार इन्होंने चौबीस गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी।
शकुनि महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक था। शकुनि गांधार साम्राज्य का राजा था। यह स्थान वर्तमान के अफगानिस्तान में है। शकुनि गांधारी का भाई था।
वास्तु शास्त्र में हर पौधे के लिए एक दिशा निर्धारित है। अगर सही दिशा में पौधा लगाया जाए तो उससे कई फायदे मिल सकते हैं, लेकिन गलत दिशा में लगाए पौधे फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 8 दिसंबर, रविवार को है।
आचार्य चाणक्य ने एक नीति में बताया है कि हमें किस-किस पर भरोसा नहीं करना चाहिए ताकि जीवन सुखमय बना रहे।
जिन लोगों पर शनि की टेढ़ी नजर यानी साढ़ेसाती या ढय्या का प्रभाव है, वे अगर शनिवार को कुछ उपाय करें तो शनिदेव प्रसन्न हो सकते हैं। इससे उनके जीवन की परेशानियां कुछ कम हो सकती है।
जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसका खास ख्याल रखा जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान यदि महिला को कोई परेशानी होती है तो उसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी हो सकता है।
हर प्रेग्नेंट महिला चाहती है कि उसकी होने वाली संतान हेल्दी और किस्मत वाली हो। उसके जीवन में कभी कोई परेशानी न हो।
आचार्य चाणक्य ने एक नीति में नए घर से जुड़ी पांच ऐसी बातें बताई हैं, जिनका ध्यान हमेशा रखना चाहिए।
श्रीगणेश की विभिन्न मूर्ति और तस्वीरों से न सिर्फ वास्तु दोष कम होता है बल्कि मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं।