श्रावण मास में भगवान शिव के अलग-अलग अवतारों की पूजा का विशेष महत्व है। बहुत कम लोग शिव के इन अवतारों को जानते हैं।
अलग अलग चीजों से बने शिवलिंग का अभिषेक शुद्ध जल से करने से हमारी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
तुलसीदासजी को भक्ति शाखा का प्रमुख कवि माना जाता है। उन्होंने रामचरित मानस में भगवान श्रीराम के चरित्र का जितनी सुंदरता से वर्णन किया है, उतना कहीं और नहीं है।
अशुभ स्थितियों के लिए सावन में रोज शिवजी का अभिषेक अलग-अलग चीजों से करने से ग्रह दोष दूर होते हैं और स्वास्थ्य ठीक रहता है।
शिव जी से जुड़ी कई कहानियां ग्रंथों में है, जिसमें से 1 कहानी में बताया गया है कि भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र शिव जी ने दिया था
इस ज्योतिर्लिंग के बारे में माना जाता है कि यहां दर्शन करने वालों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान नागचंद्रेश्वर का प्राचीन मंदिर है, जिसके दर्शन के लिए एक दिन पहले ही लंबी कतारें लग जाती हैं।
विज्ञान अनुसार सांप मनुष्य का शत्रु नहीं बल्कि मित्र है, नागपंचमी पर सांप को देवता मानकर उनकी पूजा की जाती है।
मान्यता अनुसार जो भी नागपंचमी पर श्रद्धा व भक्ति से नागदेवता की पूजा करता है उसे और उसके परिवार को कभी भी सर्प भय नहीं होता।
भगवान शिव की भक्ति का महीना है सावन । शिवपुराण में उनके कई अवतारों की बात की गई है, लेकिन बहुत कम लोग इनके बारे में जानते हैं।