सार

घर में भी देवी-देवताओं के लिए मंदिर बनवाने की परंपरा बहुत ही पुराने समय से चली आ रही है। आज भी काफी लोग इस परंपरा का पालन करते हैं और अपने-अपने घर में मंदिर बनवाते हैं।

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मंदिर में रोज पूजा करने पर घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बना रहता है। यहां जानिए मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें...

1. अगर आप गणेशजी की प्रतिमाएं घर में रखना चाहते हैं तो 1, 3, 5 जैसी विषम संख्या में न रखें। गणेशजी की मूर्तियां सम यानी धनात्मक संख्या में रखनी चाहिए, जैसे 2, 4, 6.
2. अगर हम मंदिर में शिवलिंग रखना चाहते हैं तो शिवलिंग हमारे अंगूठे के आकार से बड़ा नहीं होना चाहिए। शिवलिंग बहुत संवेदनशील होता है और इसी वजह से घर के मंदिर में छोटा सा शिवलिंग रखना शुभ होता है।
3. घर में मंदिर ऐसी जगह पर बनाना चाहिए, जहां दिनभर में कभी भी कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी पहुंचती हो। जिन घरों में सूर्य की रोशनी और ताजी हवा आती रहती है, उन घरों के कई दोष दूर हो जाते हैं।
4. घर में जहां मंदिर है, वहां चमड़े से बनी चीजें, जूते-चप्पल नहीं ले जाना चाहिए।
5. घर के मंदिर के आसपास शौचालय होना भी अशुभ रहता है। इसीलिए ऐसे स्थान पर पूजन कक्ष बनाएं, जहां आसपास शौचालय न हो। यदि किसी छोटे कमरे में पूजा कक्ष बनाया गया है तो वहां कुछ स्थान खुला होना चाहिए, जहां आसानी से बैठा जा सके।
6. मंदिर में रोज सुबह और शाम पूजा अवश्य करना चाहिए। पूजा में घंटी अवश्य बजाएं, साथ ही एक बार पूरे घर में घूमकर भी घंटी बजानी चाहिए। ऐसा करने पर घंटी की आवाज से नकारात्मकता नष्ट होती है और सकारात्मकता बढ़ती है। दिन में कम से कम एक बार दीपक अवश्य जलाएं। इससे वास्तु के कई दोष दूर होते हैं।
7. पूजा में बासी फूल, पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए। पूजा के लिए ताजे जल का ही उपयोग करें। इस संबंध में यह बात ध्यान रखने योग्य है कि तुलसी के पत्ते, बिल्व पत्र और गंगाजन लंबे समय तक पवित्र माने जाते हैं, इसीलिए इनका उपयोग कभी भी किया जा सकता है।
8. रोज रात को सोने से पहले मंदिर को पर्दे से ढंक देना चाहिए। जिस प्रकार हम सोते समय किसी प्रकार का शोर या बाधा पसंद नहीं करते हैं, ठीक उसी भाव से मंदिर पर पर्दा ढंक देना चाहिए ताकि भगवान भी शांति से शयन कर सके।
9. जब भी कोई श्रेष्ठ मुहूर्त रहता है, तब मंदिर के साथ ही पूरे घर में भी गौमूत्र का छिड़काव करना चाहिए। गौमूत्र के छिड़काव से पवित्रता बनी रहती है और वातावरण सकारात्मक हो जाता है।
10. ध्यान रखें घर के मंदिर में पूजा करने वाले व्यक्ति का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होगा तो बहुत शुभ रहता है। इसके लिए पूजा स्थल का दरवाजा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। यदि यह संभव ना हो तो पूजा करते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व दिशा में होगा तब भी श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं।