सार
कन्नड़ फिल्मों की जानीमानी एक्ट्रेस और थिएटर आर्टिस्ट भार्गवी नारायण हम सबसे बीच नहीं रही। उनका 83 की उम्र में निधन हो गया है। उनके बेटे प्रकाश बेलावाड़ी ने बताया कि भार्गवी पिछले दो साल से उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रही थी।
मुंबई. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से आए दिन बुरी खबरें सुनने को मिल रही है। पहले लीजेंड सिंगर लता मंगेशकर का निधन हुआ फिर रवीना टंडन के पिता रवि टंडन ने दुनिया को अलविदा का। अब खबर है कि कन्नड़ फिल्मों की जानीमानी एक्ट्रेस और थिएटर आर्टिस्ट भार्गवी (Bhargavi Narayan) नारायण हम सबसे बीच नहीं रही। उनका 83 की उम्र में निधन हो गया है। उनके बेटे प्रकाश बेलावाड़ी ने बताया कि भार्गवी पिछले दो साल से उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रही थी। उन्होंने कहा- उन्हें पेल्विस (कूल्हो) में फ्रैक्चर हुआ था। वो शाम को गिर गई और कमजोर दिखाई दे रही थी। उसने कुछ देर हमारे साथ बात की और सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे अंतिम सांस ली। बता दें कि भार्गवी ने कन्नड़ सिनेमा में खूब नाम कमाया। उन्होंने कई हिट फिल्मों में भी काम किया था। उनके 4 बच्चे और पोते-पोतियां है।
कॉलेज फ्रेंड को बनाया था हमसफर
रिपोर्ट्स की मानें तो कॉलेज में थिएटर के दिनों में भार्गवी ने अपने पति बेलावडी नंजुंदैया नारायण से मुलाकात की, जिन्हें मेकअप नानी के नाम से जाना जाता है। मशहूर मेकअप आर्टिस्ट नानी के साथ उन्होंने 50 साल पहले जयनगर में अपना घर ग्रीन हाउस बनाया था। 2003 में 75 साल की उम्र में नानी का निधन हो गया था। उनकी एक पोती, संयुक्ता, एक कन्नड़ फिल्मों की एक्ट्रेस हैं। सयुंक्ता ने अपनी दादी को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया- मेरी दादी...अज्जी भज्जी...आज शाम साढ़े सात बजे निधन हो गया।
600 से ज्यादा नाटकों में किया काम
भार्गवी नारायण ने 600 से ज्यादा नाटकों में अभिनय किया। इसके अलावा वे कन्नड़ सिनेमा का एक जाना-माना चेहरा थीं। भार्गवी ने डॉ राजकुमार-स्टारर एराडु कनासु (1974), मणिरत्नम की'पल्लवी अनु पल्लवी (1983), बा नल्ले मधुचंद्रके (1993), और डॉ विष्णुवर्धन की प्रोफेसर हुचुरया जैसी हिट फिल्मों में काम किया, जिसके लिए उन्होंने 1974-75 में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का स्टेट अवॉर्ड मिला था। उन्होंने 2019 में राज्योत्सव पुरस्कार भी जीता। भार्गवी ना कांडा नम्मावरु की लेखक हैं। उन्होंने नानू भार्गवी (2012) नाम से बायोग्राफी भी लिखी, जिसने साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता। उन्होंने कर्मचारी राज्य बीमा निगम में कार्यरत रहते हुए भी थिएटर और सिनेमा में बैलेंस बनाए रखा। भार्गवी कर्नाटक नाटक अकादमी के सदस्य भी थी।
- उनके बेटे प्रकाश ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर उनकी इच्छा के अनुसार सेंट जॉन्स अस्पताल को दान कर दिया जाएगा। उनकी आंखें नेत्रधाम संस्थान को दान की जाएगी। प्रकाश ने कहा कि उनकी बेटी सुजाता के मुंबई से आने के बाद उनका पार्थिव शरीर दान कर दिया जाएगा।
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