ICC के निर्विरोध चेयरमैन बने जय शाह: इन भारतीयों के सिर सज चुका है ताज
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सबसे कम उम्र के ICC चेयरमैन
आईसीसी के नवनिर्वाचित चेयरमैन जय शाह अबतक के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष हैं। 35 साल की उम्र में वह क्रिकेट की सबसे बड़ी वैश्विक संस्था के हेड चुने गए हैं। आईसीसी के 16 मेंबर्स वाले बोर्ड ने अध्यक्ष पद का चुनाव किया है। 27 अगस्त को आईसीसी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख थी। 30 नवम्बर को निवर्तमान अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वह तीसरी बार चुनाव लड़ने से खुद को पीछे कर लिए थे। शाह का कार्यकाल दो साल का होगा।
जय शाह के पहले भी भारत के कई लोग बन चुके हैं चेयरमैन
शरद पवार (2010-2012): भारतीय राजनेता व क्रिकेट प्रशासक शरद पवार भी आईसीसी के चेयरमैन रह चुके हैं। पवार 2010 से 2012 तक ICC के अध्यक्ष रहे। ICC में अपने कार्यकाल से पहले वे BCCI के अध्यक्ष थे। क्रिकेट को वैश्विक लेवल पर लोकप्रियता दिलाने में शरद पवार का भी बड़ा योगदान रहा। भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में ICC क्रिकेट विश्व कप 2011 की मेजबानी सुनिश्चित करने में भी उनका अहम रोल रहा।
दुनिया के सभी बोर्ड को धनी बना दिया
जगमोहन डालमिया (1997-2000): जगमोहन डालमिया एक प्रभावशाली भारतीय क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर थे। डालमिया 1997 से 2000 तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष रहे। क्रिकेट मैचों के स्लॉट्स को टेलीविजन चैनलों को नीलामी कर उन्होंने बोर्ड के रेवेन्यू को बढ़ाया। क्रिकेट से रेवेन्यू जनरेट करने का उनका मॉडल आज दुनिया के सभी बोर्ड को धनी बना दिया है। ICC में अपनी भूमिका से पहले, उन्होंने BCCI के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। BCCI को दुनिया के सभी बोर्ड से अमीर बनाने का श्रेय भी डालमिया को जाता है।
"बिग थ्री" क्रिकेट बोर्डों को अधिक शक्ति
एन. श्रीनिवासन (2014-2015): एन. श्रीनिवासन 2014 में ICC के चेयरमैन का पद संभालने से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष थे। उनके कार्यकाल के दौरान ICC ने महत्वपूर्ण प्रशासनिक परिवर्तन किए। इसमें "बिग थ्री" क्रिकेट बोर्डों को अधिक शक्ति देना शामिल था। ब्रिग थ्री यानी भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड। उनका कार्यकाल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) सट्टेबाजी कांड से संबंधित विवादों से भरा रहा।
सभी बोर्डों में समान रेवेन्यू वितरण का मॉडल किया लागू
शशांक मनोहर (2015-2020): शशांक मनोहर ने 2015 से 2020 तक ICC के चेयरमैन के रूप में कार्य किया। वे ICC के पहले स्वतंत्र चेयरमैन बने थे। ICC में अपनी भूमिका से पहले मनोहर ने BCCI के अध्यक्ष के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए। ICC के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने वैश्विक क्रिकेट विकास को बढ़ावा देने और "बिग थ्री" बोर्डों के प्रभाव को कम करने के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव स्ट्रक्चर में सुधार किया। उनके कार्यकाल में निर्णय लेने को लोकतांत्रिक बनाने और सभी क्रिकेट खेलने वाले देशों के बीच राजस्व वितरण को बढ़ाने के प्रयास देखे गए।
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