सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान विराट कोहली (Virat Kohli) ने खुलकर बताया कि टी20 वर्ल्ड कप 2024 (T20 World Cup 2024) के फाइनल मैच में बैंटिंग करते समय उनके मन में क्या चल रहा था।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को टी20 वर्ल्ड कप 2024 (T20 World Cup 2024) जीतने वाली टीम इंडिया (Team India) से बातचीत की। इस दौरान विराट कोहली (Virat Kohli) ने खुलासा किया कि फाइनल में उन्होंने परिस्थितियों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था। उनका आत्मविश्वास भी कम था।
नरेंद्र मोदी ने विराट से कहा, "उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन ये जो लंबी तपस्या होती है वो समय पर काम आती है। आपने खेल में जो तपस्या की है जरूरत पड़ने पर उसने अपना रंग बिखेरा है। विराट बताइए इस बार की लड़ाई तो आपकी उतार-चढ़ाव की रही।"
विराट कोहली ने कहा, "ये दिन हमेशा मेरे जेहन में रहेगा। इस पूरे टूर्नामेंट में मैं वो कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं कर पाया जो करना चाहता था। एक समय पर मैंने राहुल भाई (कोच राहुल द्रविड़) को बोला कि मैंने अपने आप को और टीम को, दोनों को न्याय नहीं दिया अभी तक। इन्होंने मुझे बोला कि जब सिचुएशन आएगी तो मुझे भरोसा है तुम परफॉर्म करोगे। ये बातचीत हमारी हुई थी। मैं खेलने गया तो रोहित (कप्तान रोहित शर्मा) को बोला कि मेरा जैसा टूर्नामेंट गया था, मेरा इतना कॉन्फिडेंस नहीं था। अंदर जब खेलने गया तब कॉन्फिडेंस नहीं था कि बैटिंग वैसी हो पाएगी जैसी मैं करना चाहता हूं।"
विराट ने कहा, "जब हम खेलने गए, पहले चार गेंद में तीन चौके मिले तो मैंने रोहित से कहा कि क्या गेम है ये, एक दिन लगता है कि एक रन नहीं बनेगा और एक दिन आप जाते हैं और सबकुछ होने लगता है। वहां पर मुझे फील हुआ कि खासकर जब हमारी विकटें गिर गईं कि वो सिचुएशन में मुझे अपने आप को सरेंडर करना है। टीम के लिए क्या जरूरी है अभी सिर्फ वही मेरे फोकस में था। मुझे ऐसा फील हुआ कि मुझे उस जोन में डाला गया। अब वो किस वजह से डाला गया वो एक्सप्लेन करना मुश्किल है।"
उन्होंने कहा, "मुझे ऐसा फील हुआ कि मैं उस मूवमेंट में बंध गया। बाद में मुझे समझ आया कि जो चीज होनी होती है वो किसी भी तरीके से होती है। ये होना ही था, मेरे साथ, टीम के साथ। अगर आप मैच भी देखें जिस तरीके से हम जीते। अंत में जो स्थिति थी। हमलोगों ने एक-एक बॉल को जीया है। अंत में जहां से मैच पलटा। हमारे अंदर क्या चल रहा था हम एक्सप्लेन नहीं कर सकते। एक-एक बॉल में मैच यहां जा रहा है, वहां जा रहा है। एक समय उम्मीद छूट चुकी थी। उसके बाद हार्दिक ने विकेट लिया। उसके बाद एक विकेट, एक-एक बॉल करके एनर्जी फिर बनी। मुझे खुशी इस बात की है मैं इतने बड़े दिन में टीम के लिए कॉन्ट्रिव्यूट कर पाया। एक मुश्किल समय के बाद, वो पूरा दिन जिस तरह गया। जैसे हम जीते। मैं कभी भूला नहीं पाऊंगा, जिंदगी में। मुझे बस खुशी थी कि मैं टीम को उस जगह तक ले जा पाया जहां से हम जीतने की कोशिश कर सकें।"
नरेंद्र मोदी ने विराट से पूछा सिर्फ 75 रन बने थे तब परिवार से क्या प्रतिक्रिया आई थी?
पीएम ने कहा, "ये सबको लग रहा था विराट जी कि टोटल आपका 75 और बाद में एकदम से 76, कभी-कभी ये जो पल होते हैं, जब सब लोग कहते हैं तुम कर लोगे। वो भी एक तरह से ड्राइविंग फोर्स बन जाता है। परिवार से क्या प्रतिक्रिया आई थी? जब 75 में दबे रहते थे तब।
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विराट ने कहा, “सर, अच्छी बात यह थी कि समय का अंतर ज्यादा था। परिवार से ज्यादा बात नहीं हुई मेरी। मम्मी ज्यादा टेंशन ले लेती हैं। मैं जो भी करने की कोशिश कर रहा था वह हो नहीं पा रहा था। मुझे लगा कि जब आप यह कहते हैं कि मैं ये कर दूंगा तो कहीं न कहीं आपका अहंकार ऊपर आ जाता है तो फिर खेल आपसे दूर चला जाता है। गेम की स्थिति ही ऐसी बन गई कि मेरे लिए अपने अहंकार को ऊपर रखने की जगह ही नहीं थी। जब गेम को इज्जत दी तो गेम ने उस दिन वापस इज्जत दी।”
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