सार

भारतीय रेसलर पिछले कुछ सालों से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही कुछ अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भी भारतीय पहलवानों ने पदक जीते हैं, इससे भारतीय फैन्स के मन में टोक्यो ओलंपिक में पदक मिलने की उम्मीद जग गई है। 

नई दिल्ली. भारतीय रेसलर पिछले कुछ सालों से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही कुछ अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भी भारतीय पहलवानों ने पदक जीते हैं, इससे भारतीय फैन्स के मन में टोक्यो ओलंपिक में पदक मिलने की उम्मीद जग गई है। 

अगली साल टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए अभी तक भारत के 4 पहलवान क्वालीफाई कर चुके हैं। इनमें रवि कुमार दहिया, बजरंग पुनिया, दीपक पुनिया और विनेश फोगाट के नाम शामिल हैं। 
 
'इस ओलंपिक में पदक जीतने का अच्छा मौका'
वहीं, भारतीय रेसलर संग्राम सिंह का मानना है कि भारत के लिए ओलंपिक में पदक जीतने का अच्छा मौका है। हमारे सहयोगी Asianet Newsable से खास बातचीत में संग्राम सिंह ने भरोसा जताया कि भारत ओलंपिक में कम से कम तीन पदक जीतेगा। उन्होंने कहा, भारतीय रेसलिंग अभी अच्छी स्थिति में है। 
 
संग्राम सिंह ने कहा, क्वालीफाई करने वाले चारों पहलवानों की पदक जीतने की बहुत संभावनाएं हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि जो रेसलर क्वालीफाई कर सकते हैं, वे भी मेडल जीत सकते हैं। उन्होंने कहा, यह नहीं कहा जा सकता कि कोई पहलवान पदक नहीं जीत सकता। संग्राम सिंह ने कहा कि जब पिछली बार साक्षी मलिक ने क्वालीफाई किया था, तो किसी ने उनसे ये उम्मीद नहीं की थी। लेकिन उन्होंने अपने परफोर्मेंस से सभी को चौंका दिया।  

'सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने दुनिया को चौंकाया'
सिंह ने कहा, जब कुछ साल पहले सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने शानदार प्रदर्शन से दुनिया को स्तब्ध कर दिया था, तब से भारतीय कुश्ती एक अलग स्तर पर पहुंच गई है। संग्राम सिंह के मुताबिक, पहलवानों को मिलने वाली आधुनिक सुविधाओं ने भी अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, तकनीकी में अभी भी सुधार की गुंजाइश है। 

संग्राम सिंह ने कहा, पहले से तुलना करें तो अब भारतीय पहलवानों को मिलने वाली सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ है।  तकनीकी में अभी भी सुधार की गुंजाइश है। रेसलर को स्टेमिना और पावर बढ़ाने की जरूरत है। उन्हें यह विदेशी खिलाड़ियों से सीखने की जरूरत है। जिम में वेटलिफ्टिंग में समय बिताना, तकनीकी के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूरी हैं। 

'मानसिक-मनोवैज्ञानिक विकास भी जरूरी'
उन्होंने कहा, मानसिक-मनोवैज्ञानिक विकास की भी जरूरत है,  इसके लिए एक विश्व स्तरीय कोच की आवश्यकता होगी। संग्राम ने भविष्य में रेसलिंग में आने वाले युवाओं से किसी मुद्दे पर सोजने या विचार करने के बजाय अपनी तकनीक पर काम करने और अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा।