सार
भारत के युवा चेस खिलाड़ी रमेश बाबू प्रज्ञानंद ने एक बार फिर विदेश की सरजमीं पर भारत का परचम लहराया और क्लासिक चेस कंपटीशन में इतिहास रच कर दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हरा दिया।
स्पोर्ट्स डेस्क: नॉर्वे चेस 2024 के तीसरे दौर में रमेश बाबू प्रज्ञानंद और दुनिया के नंबर वन के खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच में मुकाबला हुआ। इस मैच में भारत के रमेश बाबू प्रज्ञानंद ने इतिहास रचते हुए मैग्नस कार्लसन को पटखनी दी और इस टूर्नामेंट में लीडर्स पोजीशन हासिल की। बता दें कि 18 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेश बाबू प्रज्ञानंद ने 29 मई 2024, बुधवार को स्टावेंजर में नॉर्वे चेस 2024 टूर्नामेंट के तीसरे दौर में मैग्नस कार्लसन पर अपनी पहली जीत दर्ज की।
मैग्नस कार्लसन और आर प्रज्ञानंद का मैच
नॉर्वे के टूर्नामेंट 2024 के तीसरे राउंड के आखिर में भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेश बाबू प्रज्ञानंद ने 9 में से 5.5 अंक हासिल किए और दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हराया। इससे पहले पिछले साल वर्ल्ड कप में आर प्रज्ञानंद मैग्नस कार्लसन से हार गए थे, लेकिन अब उन्होंने उस हार का बदला लिया और मैग्नस कार्लसन को क्लासिक चेस में हारने वाले चौथे भारतीय बने हैं। वहीं, दूसरी ओर अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियो कारुआना ने बुधवार को ही जीएम डिंग लिरेन पर जीत दर्ज कर तीन अंक हासिल करके दूसरा स्थान पाया।
10 साल की उम्र में ही बन गए थे इंटरनेशनल खिलाड़ी
10 अगस्त 2005 को चेन्नई में जन्मे रमेश बाबू प्रज्ञानंद एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी और ग्रैंडमास्टर है। 10 साल की उम्र में ही वह इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे और ऐसा करने वाले वह उस समय सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। 12 साल की उम्र में उन्हें ग्रैंड मास्टर की उपाधि दी गई और ऐसा करने वाले भी वह दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। चेस के अलावा प्रज्ञानंद को क्रिकेट खेलने भी बहुत पसंद है और वह अपने फ्री टाइम में क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं। सिर्फ रमेश बाबू प्रज्ञानंद ही नहीं उनकी बहन आर वैशाली भी बेहतरीन चेस खिलाड़ी है। हाल ही में नॉर्वे चेस 2024 में महिला वर्ग में वह टॉप पर है और पोल पोजीशन हासिल कर ली है। नॉर्वे चेस 2024 में दोनों भाई बहन पहले नंबर पर है।
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