सार

IOA में अध्यक्ष पीटी उषा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की खबर है। कार्यवाहक CEO कल्याण चौबे ने SGM का एजेंडा जारी किया, जबकि मौजूदा CEO रघुराम अय्यर ने इसे अवैध बताया है।

नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) में कुर्सी की लड़ाई तेज है। कल्याण चौबे ने खुद को कार्यवाहक सीईओ बताते हुए 25 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली में होने वाली विशेष आम बैठक (SGM) का एजेंडा जारी किया। इसमें कहा गया कि IOA अध्यक्ष पीटी उषा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।

अब रघुराम अय्यर की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर कहा गया है कि कल्याण चौबे ने जो एजेंडा जारी किया है वह अवैध है। उन्होंने IOA के संविधान का उल्लंघन किया है। IOA के वर्तमान और एकमात्र CEO रघुराम लायर हैं। वह 15 जनवरी 2024 को IOA में शामिल हुए। IOA कार्यकारी परिषद (EC) के कुछ सदस्यों द्वारा उनकी नियुक्ति को अस्वीकार करने और पिछले 9 महीनों से वेतन रोके रखने के बावजूद लायर काम कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) और भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय (MYAS) दोनों ही रघुराम लायर को IOA के वैध CEO के रूप में मान्यता देते हैं।

IOA संविधान के अनुसार आईओए के अध्यक्ष के रूप में 3 अक्टूबर 2024 को नोटिस जारी कर पहले ही एसजीएम बुलाई गई है। कल्याण चौबे को 25 अक्टूबर 2024 को एसजीएम के लिए कोई बैठक बुलाने या एजेंडा घोषित करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।

ईसी सदस्यों के लिए सीईओ के माध्यम से एसजीएम बुलाने का फैसला ईसी बैठक में लिया जा सकता है। हाल के ऐसी बैठक नहीं हुई है। जनवरी 2024 के मध्य से आपातकालीन ईसी बैठकें बुलाने के मेरे प्रयासों के परिणामस्वरूप ईसी सदस्यों ने मुझे एजेंडे के साथ आगे बढ़ने नहीं दिया। एसजीएम बुलाने पर किसी भी चर्चा की बात तो दूर की बात है।

इसलिए उसी बैठक के लिए कोई अन्य एजेंडा या नोटिस जिसमें कल्याण चौबे द्वारा जारी किया गया नोटिस भी शामिल है अवैध और अनधिकृत है। इसे दुर्भावनापूर्ण इरादे से जारी किया गया माना जाना चाहिए। इसे अनदेखा किया जाना चाहिए।