बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 14 पूर्व सांसद मैदान में हैं। जदयू ने सबसे ज्यादा 5, राजद ने 4, भाजपा व जनसुराज ने 2-2 और AIMIM ने 1 उम्मीदवार उतारा है। इन अनुभवी चेहरों के आने से चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार मुकाबला सिर्फ पुराने और नए चेहरों के बीच नहीं, बल्कि लोकसभा बनाम विधानसभा के धुरंधरों के बीच भी है। कुल 14 पूर्व सांसद इस बार विधानसभा चुनाव के मैदान में हैं। इनमें सबसे ज्यादा 5 उम्मीदवार जदयू के टिकट पर उतरे हैं। वहीं, राजद के 4, भाजपा और जनसुराज के 2-2 और एआईएमआईएम के 1 पूर्व सांसद चुनावी अखाड़े में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

इन सियासी दिग्गजों के उतरने से बिहार का चुनावी माहौल और भी गरम हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि 14 में से 11 पूर्व सांसद उन्हीं इलाकों में विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जो पहले उनके लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा रहा है। यानी अबकी बार इन दिग्गजों को जनता का फैसला एक छोटे दायरे में सुनना होगा।

बिहार चुनाव 2025 में जदयू ने सबसे ज्यादा पूर्व सांसद को दिया टिकट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इस बार सबसे ज्यादा 5 पूर्व सांसदों को टिकट दिया है।

  • जहानाबाद से चंद्रेश्वर चंद्रवंशी
  • गोपालपुर से बुलो मंडल
  • काराकाट से महाबली सिंह
  • कदवा से दुलालचंद गोस्वामी
  • समस्तीपुर से अश्वमेध देवी

नीतीश कुमार का यह कदम साफ संकेत है कि जदयू संगठनात्मक मजबूती के लिए पुराने अनुभवी चेहरों पर भरोसा जता रही है।

बिहार चुनाव 2025 में राजद ने 4 पूर्व सांसदों को दिया मौका

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने भी अपने भरोसेमंद पूर्व सांसदों पर दांव खेला है।

  • झाझा से जयप्रकाश नारायण यादव
  • मोकामा से वीणा देवी
  • बिहारीगंज से रेणु कुशवाहा
  • धमदाहा से संतोष कुशवाहा

तेजस्वी यादव की रणनीति साफ है कि मजबूत जातीय पकड़ और लोकसभा स्तर का अनुभव रखने वाले नेताओं को विधानसभा में भेजा जाए, ताकि जमीनी चुनावी लड़ाई में बढ़त मिल सके।

बिहार चुनाव 2025 में भाजपा ने उतारे दो पूर्व सांसद

भाजपा ने भी दो पूर्व सांसदों पर भरोसा जताया है, जो पहले एनडीए की लोकसभा राजनीति में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

  • दानापुर से रामकृपाल यादव
  • सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू

रामकृपाल यादव, जो कभी लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे, अब भाजपा के सीनियर नेता हैं। वे पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। दिलचस्प यह है कि दानापुर विधानसभा सीट पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, यानी मुकाबला अब फिर उसी इलाके में है, जहां 2024 में मीसा भारती ने उन्हें हराया था। वहीं, सुनील कुमार पिंटू, जिन्होंने 2019 में जदयू टिकट पर लोकसभा जीती थी, अब भाजपा के टिकट से विधानसभा की लड़ाई लड़ रहे हैं।

जनसुराज और एआईएमआईएम ने भी उतारे पूर्व सांसद

प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने दो पूर्व सांसदों को टिकट देकर बड़ा दांव खेला है। 

  • अररिया से सरफराज आलम
  • गया टाउन से धीरेंद्र अग्रवाल

गया टाउन सीट पर धीरेंद्र अग्रवाल का सीधा मुकाबला भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री डॉ. प्रेम कुमार से है, जिससे यह सीट बेहद हॉट हो गई है। वहीं, एआईएमआईएम ने मुंगेर से मोनाजिर हसन को उम्मीदवार बनाकर अपना मजबूत मुस्लिम चेहरा आगे किया है।

पुराने चेहरों से दिलचस्प हो गया चुनावी रण

बिहार में इस बार एनडीए बनाम महागठबंधन की लड़ाई के बीच इन पूर्व सांसदों की एंट्री ने मुकाबले को और भी पेचीदा बना दिया है। लोकसभा स्तर पर पहचान रखने वाले ये चेहरे अब विधानसभा की बारीक राजनीति में खुद को आज़माने जा रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पुराने सांसदों के पास न सिर्फ बड़ा जनसंपर्क नेटवर्क है बल्कि संगठनात्मक अनुभव भी है। यही कारण है कि सभी प्रमुख दलों ने अपने-अपने मजबूत दिग्गजों को इस बार मोर्चे पर उतारा है।