सार

बिहार CHO परीक्षा में बड़ा घोटाला! सॉल्वर गैंग ने लाखों रुपये लेकर अभ्यर्थियों को पास कराया. मास्टरमाइंड की तलाश जारी.

पटना न्यूज: बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी यानी CHO के 4500 पदों के लिए आयोजित परीक्षा को रद्द कर दिया गया। लेकिन, इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि सॉल्वर गैंग ने सेटिंग करके इस परीक्षा में सफलता पाने वाले अभ्यर्थियों से 4-5 लाख रुपये वसूले थे। यानी रेट अभ्यर्थी पर निर्भर करता है। आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इस मामले में पटना के अलावा वैशाली, बिहारशरीफ समस्तीपुर, दानापुर समेत करीब एक दर्जन जगहों पर छापेमारी की है।

मामले में 37 लोग गिरफ्तार

इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने सोमवार की देर रात हिरासत में लिए गए सभी 37 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें अभ्यर्थियों के साथ-साथ केंद्र अधीक्षक, केंद्र आईटी हेड समेत अन्य लोग शामिल हैं। अब तक की जांच में यह बात भी सामने आई है कि फर्जीवाड़े का यह पूरा मामला अगस्त से ही रचा जा रहा था।

परीक्षा लीक का मास्टरमाइंड कौन?

परीक्षा माफिया रवि भूषण और अतुल प्रभाकर को इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। हालांकि, दोनों को गिरफ्तार करना आर्थिक अपराध इकाई के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर सेटिंग करने वाले अभ्यर्थियों को बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने के बाद ही कंप्यूटर के सामने बैठाया जाता था। केंद्र संचालक और आईटी मैनेजर ने कंप्यूटर सिस्टम के आईपी एड्रेस को पहचान कर पहले ही लीक कर दिया था।

सॉल्वर दूर से ही हल कर रहे थे सवाल

इसके बाद एक खास सॉफ्टवेयर रिमोट एप्लीकेशन की मदद से इन सभी कंप्यूटरों का कंट्रोल दूर बैठे सॉल्वरों के पास था। सॉल्वर दूर से ही इन कंप्यूटरों की स्क्रीन पर दिखने वाले सवालों को ऑनलाइन हल कर रहे थे। परीक्षा केंद्रों ने ऑनलाइन सेटिंग के लिए गोपनीय तरीके से प्रॉक्सी सर्वर लगा रखे थे। कंप्यूटर आधारित रियल टाइम परीक्षा की ऑनलाइन प्रणाली में समायोजन करके अभ्यर्थियों को अनुचित तरीके से पास कराने का खेल चल रहा था।

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