सार

भोजपुर जिले के कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र में 29 साल बाद हनुमान जी आजाद हुए हैं। अदालत के फैसले के बाद उन्हें थाने से रिहा कर दिया गया। स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। शहर से कस्बों तक धूमधाम से रामनवमी मनाने की तैयारियां चल रही हैं।

आरा। भोजपुर जिले के कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र में 29 साल बाद हनुमान जी आजाद हुए हैं। अदालत के फैसले के बाद उन्हें थाने से रिहा कर दिया गया। स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। शहर से लेकर कस्बों तक धूमधाम से रामनवमी मनाने की तैयारियां की जा रही हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरसअल, हनुमान जी और रामानुज स्वामी की दो मूर्तियां 29 साल पहले चोरी हो गई थीं। यह मूर्तियां गुंडी गांव स्थित श्री भगवान रंगनाथ मंदिर में स्थापित थीं। पुलिस इन मूर्तियों को बरामद करने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी करती रही। आखिरकार कुछ दिनों बाद मूर्तियों को ढूंढ़ने में सफलता मिली। गौसगंज के पास एक कुएं में दोनों मूर्तियां पाई गईं। पुलिस ने उन्हें बरामद कर अपने कब्जे में ले लिया।

कोर्ट में​ विचाराधीन था केस

मूर्तियों के चोरी के बाद से ही यह केस न्यायालय में विचाराधीन था। बीतते समय के साथ मूर्तियां थाने के मालखाने में रखवा दी गईं थीं। जिला एवं सत्र न्यायालय में इस केस की सुनवाई चल रही थी। जिसमें मंगलवार को फैसला आया। कोर्ट ने 29 साल पहले दोनों को मूर्तियों को ग्रामीणों को सौंपने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद दोनों मूर्तियों को मालखाने से निकालकर उनकी साफ सफाई की गई। उनकी पूजा के बाद मूर्तियों को मंदिर के पुजारी व अन्य गांव वालों को सौंप दिया गया।

1994 में चुराई गई थीं मूर्तियां

दोनों मूर्तियां एक बार फिर 29 साल बाद भगवान रंगनाथ स्वामी के मंदिर में सुशोभित हो रही हैं। दोनों मूर्तियों को धूमधाम से गुंडी गांव लाया गया और गांव का भ्रमण कराने के बाद उन्हें मंदिर में स्थापित किया गया। यह पुलिस की देख रेख में सम्पन्न हुआ। आपको बता दें कि साल 1994 के जून महीने में मंदिर से मूर्तियां चुराई गई थीं। मूर्तियां दोबारा मिलने के बाद ग्रामीणों में उत्‍साह है। मंदिर की सुरक्षा के लिए दो चौकीदार भी लगाए गए हैं।