अतरी विधानसभा चुनाव 2025 में HAM(S) के रोमित कुमार ने RJD को 25777 वोटों से हराया। जातीय समीकरणों वाली इस सीट पर पहले RJD और JDU का दबदबा रहा है, जहाँ 2020 में RJD के अजय यादव विजेता थे।
अतरी विधानसभा चुनाव 2025 (Atri Assembly Election 2025): अतरी विधानसभा चुनाव 2025 में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के रोमित कुमार जीत गए हैं। उन्हें 102102 वोट मिले। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल की बैजयंती देवी को 25777 वोट से हराया।गया जिले की यह सीट हर बार जातीय समीकरण और राजनीतिक रणनीतियों के कारण खास मानी जाती है। यहां के वोटर अक्सर ऐसे नतीजे देते हैं, जो पूरे प्रदेश की राजनीति का रुख तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। पिछले चुनावों में कभी राजद (RJD) का परचम लहराया तो कभी जदयू (JDU) ने जीत दर्ज की।
2020 में अजय यादव की जीत: कैसे बदला समीकरण?
2020 में अतरी विधानसभा सीट से राजद (RJD) के अजय यादव विजेता बने। उन्होंने जदयू (JDU) की मजबूत प्रत्याशी मनोरमा देवी को कड़ी टक्कर में हराया।
- अजय यादव (राजद): 62,658 वोट (36.55%)
- मनोरमा देवी (जदयू): 54,727 वोट (31.93%)
- अरविंद कुमार सिंह (लोजपा): 25,873 वोट
करीब 8,000 वोटों के अंतर से मिली इस जीत ने साफ कर दिया कि यादव-मुस्लिम समीकरण अब भी राजद के लिए निर्णायक है। हालांकि मुकाबला इतना कड़ा था कि जदयू की पकड़ को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
नोट- खास बात यह रही कि विजेता अजय यादव 12वीं पास हैं और उनके ऊपर 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनकी संपत्ति 1.85 करोड़ रुपए से ज्यादा है और उन पर करीब 2.66 लाख रुपए की देनदारी भी है।
2015 का क्या रहा था खेल?
2015 में भी राजद (RJD) ने अतरी पर जीत दर्ज की थी। कुन्ती देवी ने लोजपा उम्मीदवार अरविंद कुमार सिंह को लगभग 14,000 वोटों से हराया था। उस चुनाव में यादव और मुस्लिम वोटरों का एकजुट समर्थन राजद को निर्णायक बढ़त दिलाने में सफल रहा।
चौंकाने वाला था 2010 के विधानसभा चुनाव का रिजल्ट
2010 का चुनाव इसका उल्टा रहा। तब जदयू (JDU) के कृष्णा नंदन यादव ने राजद की कुन्ती देवी को करारी शिकस्त दी थी। उन्होंने 20,000 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। यह दौर जदयू-भाजपा गठबंधन की मजबूती का था।
अतरी विधानसभा का जातीय गणित: जीत की चाबी कहां है?
अतरी सीट (Atari Seat) पर सबसे ज्यादा असर जातीय समीकरणों का पड़ता है।
- यादव मतदाता: 20-22%
- मुस्लिम मतदाता: 18-20%
- सवर्ण (ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत): 15%
- पासवान (दलित): 10-12%
- अन्य ओबीसी और एससी/एसटी: शेष प्रतिशत
यादव-मुस्लिम वोट बैंक राजद की सबसे बड़ी ताकत है। वहीं सवर्ण, पासवान और कुछ ओबीसी वर्गों का झुकाव जदयू-भाजपा की ओर देखने को मिलता है। लोजपा भी दलित वोटरों को अपने पाले में करने की कोशिश करती रही है।
