बिहार में बुलेट ट्रेन कब चलेगी? जानिए नए ट्रैक और स्टेशन की पूरी डिटेल
Bihar bullet train project: बिहार में बुलेट ट्रेन आने से पटना से दिल्ली और कोलकाता का सफर अब कुछ घंटों में पूरा होगा। जानिए रूट, स्टेशन, सफर का समय और इससे होने वाले बड़े बदलाव के बारे में।

बिहार की रफ्तार को मिलेगी नई उड़ान
बिहार को जल्द ही बुलेट ट्रेन की सौगात मिलने वाली है, जिससे पटना से दिल्ली का सफर अब केवल 4 घंटे में पूरा होगा। यह राज्य की कनेक्टिविटी और विकास की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है।
पटना से दिल्ली, अब सिर्फ चार घंटे की दूरी
अब वो दिन दूर नहीं जब पटना से दिल्ली की 1000 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 4 घंटे में तय की जा सकेगी। बुलेट ट्रेन की योजना से यात्रा का अनुभव पहले से कहीं ज्यादा सुविधाजनक होने वाला है।
सर्वे पूरा, रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपी गई
बिहार में बुलेट ट्रेन के लिए जरूरी सर्वे पूरा कर लिया गया है और उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी गई है। अब इस पर अंतिम मुहर का इंतज़ार है ताकि निर्माण कार्य आगे बढ़ सके।
पटना से कोलकाता भी अब दो घंटे की बात
बुलेट ट्रेन सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि कोलकाता को भी पटना से बेहद नज़दीक ला देगी। 2 घंटे में कोलकाता पहुंचना अब सपना नहीं, योजना का हिस्सा है।
जानें किस रास्ते से गुजरेगी बिहार की बुलेट ट्रेन
बुलेट ट्रेन बनारस, मुगलसराय, बक्सर, पटना, किऊल और आसनसोल से होकर हावड़ा पहुंचेगी। बिहार में इसका प्रमुख ठहराव पटना के फुलवारीशरीफ में प्रस्तावित है।
क्या पटना ही होगा बिहार में एकमात्र स्टॉप?
बिहार में बुलेट ट्रेन का एकमात्र ठहराव फिलहाल पटना के फुलवारीशरीफ में प्रस्तावित है। इससे राज्य के अन्य हिस्सों को कैसे जोड़ा जाएगा, ये आगे की रणनीति पर निर्भर करेगा।
नया ट्रैक नहीं, मौजूदा रूट के समानांतर बनेगा हाई स्पीड कॉरिडोर
बुलेट ट्रेन के लिए नया कॉरिडोर नहीं बनेगा। मौजूदा रेलवे लाइन के समानांतर हाई-स्पीड ट्रैक तैयार किए जाएंगे, जिससे ज़मीन अधिग्रहण का खर्च और समय दोनों बचेंगे।
दो चरणों में बनकर तैयार होगा प्रोजेक्ट
इस महत्वाकांक्षी योजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा, पहला चरण दिल्ली से वाराणसी और दूसरा वाराणसी से हावड़ा तक। 2029 तक पहले चरण के पूरा होने का लक्ष्य है।
5 लाख करोड़ की लागत से बनेगा भविष्य का ट्रैक
पूरा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट करीब 5 लाख करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा। यह सिर्फ एक परिवहन योजना नहीं, बल्कि बिहार और पूर्वी भारत के लिए बदलाव की नींव है।
क्या समय पर पूरी होगी ये ऐतिहासिक योजना?
अब सबसे बड़ा सवाल है, क्या यह प्रोजेक्ट तय समय पर पूरा हो पाएगा? ज़मीन अधिग्रहण, निर्माण और बजट के प्रबंधन में का काम अभी बाकी बताया जा रहा है ।