School road safety campaign 2025: बिहार के इस जिले में सड़क हादसों में स्कूली बच्चों की बढ़ती मौतों को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू किया है। नोडल शिक्षकों को ई-लर्निंग मॉड्यूल के जरिए ट्रेनिंग दी जाएगी

Bihar Teacher News: बिहार के भागलपुर में सड़क हादसों में स्कूली बच्चों की बढ़ती मौतों ने शिक्षा विभाग को अलर्ट मोड में ला दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में 10% स्कूली बच्चे होते हैं, जिसके चलते शिक्षा विभाग ने स्कूलों में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत, हर सरकारी और निजी स्कूल में एक नोडल शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी, जो बच्चों को सड़क सुरक्षा के नियम और बचाव के उपाय सिखाएगा।

बच्चों को कैसे किया जाएगा जागरूक

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार ई-लर्निंग मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (Road Traffic Education Institute) से तकनीकी मदद ली जाएगी, जो APSc-32 और APSc-063 सिलेबस के तहत सुरक्षा, हेल्थ और ट्रैफिक नियम की जानकारी देगा। यह अभियान स्कूलों में सड़क सुरक्षा गीतों और शॉर्ट फिल्म के माध्यम से बच्चों को जागरूक करेगा।

पिछले महीनों हुए हादसे

28 अप्रैल को भागलपुर के नाथनगर प्रखंड के रसीदपुर दियारा में ट्रैक्टर पलटने से एक बच्चे की मौत हो गई और आधा दर्जन घायल हो गए। 11 जुलाई को पांच साल की बच्ची बेबी कुमारी को तेज रफ़्तार बाइक ने कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। दिसंबर 2024 में लोदीपुर बाईपास के पास हुए सड़क हादसे में छठी कक्षा के दो बच्चों रक्षित वर्मा और बबलू कुमार की जान चली गई। 2022 में तिलकामांझी थाना क्षेत्र में एक स्कूल वैन को ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें माउंट असीसी के तीन बच्चे घायल हो गए और 27 जुलाई 2022 को रंगरा थाना क्षेत्र में एक मैजिक और ट्रैक्टर की टक्कर में 10 स्कूली बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घटनाओं ने स्कूली परिवहन की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही, निजी स्कूलों में ओवरलोडिंग, सीट बेल्ट न लगाने और असुरक्षित ड्राइवरों की समस्या आम है।

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स्कूलों के पास बनाए जाएंगे सुरक्षित क्षेत्र

इस अभियान के तहत स्कूलों के पास सुरक्षित क्षेत्र बनाए जाएंगे, जहां वाहनों की गलत गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूलों के परिवहन वाहनों में ओवरलोडिंग, सीट बेल्ट की कमी और यातायात नियमों की अनदेखी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शिक्षकों को ई-लर्निंग मॉड्यूल के माध्यम से स्कूल बसों में बच्चों के सुरक्षित चढ़ने-उतरने, यातायात नियमों का पालन करने और आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी। बच्चों को सड़क सुरक्षा गाना और शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा ताकि वे पैदल, साइकिल चलाते या बस में यात्रा करते समय सावधानी बरतें। परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस अभियान को लागू करने के निर्देश दिए हैं।

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