सार
बिहार में एक शिक्षिका ने कार में बैठे-बैठे ऑनलाइन हाजिरी लगाई, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किया। जांच में पाया गया कि शिक्षिका कई दिनों से ऐसा कर रही थीं।
स्कूल देर से पहुंचने वाली एक शिक्षिका ने अपनी कार में बैठे-बैठे ऑनलाइन हाजिरी लगा दी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए शिक्षिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया और दो दिनों के भीतर आधिकारिक जवाब मांगा। शिक्षा विभाग ने यह भी बताया कि अगर शिक्षिका का जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह घटना बिहार के गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर ब्लॉक की है। शिक्षिका का नाम रेणु कुमारी है। रिपोर्ट के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) योगेश कुमार ने शिक्षिका को नोटिस जारी किया है।
महिला टीचर की होशियारी पड़ गई भारी
बिहार शिक्षा विभाग के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी शिक्षकों को ई-शिक्षाकोश ऐप के जरिए अपनी दैनिक हाजिरी लगानी होती है। इसके लिए शिक्षकों को स्कूल परिसर में खड़े होकर अपनी सेल्फी लेकर ऐप पर अपलोड करनी होती है। हालांकि, पिछले सितंबर में, रेणु कुमारी ने अपनी कार में बैठे-बैठे ही अपनी हाजिरी दर्ज कर दी। अधिकारियों ने जब इस पर गौर किया तो जाँच शुरू की गई और पाया गया कि हाजिरी लगाने के समय शिक्षिका स्कूल में मौजूद नहीं थीं। जाँच में यह भी पता चला कि उन्होंने लगभग आठ दिनों तक इसी तरह हाजिरी लगाई। जाँच अधिकारियों ने पाया कि रेणु कुमारी ने 9, 10, 13, 14, 23, 24, 27 सितंबर और 2 अक्टूबर को कार में बैठे-बैठे हाजिरी लगाई थी।
ऑनलाइन हाजिरी में कट चुकी है 700 टीचरों की सैलरी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इतने दिनों तक लगातार देरी से आने के कारण ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। डीईओ योगेश कुमार ने स्कूल के प्रधानाध्यापक को निर्देश दिया कि शिक्षिका से स्पष्टीकरण माँगा जाए और उसे दो दिनों के अंदर डीईओ कार्यालय में जमा कराया जाए। अगर शिक्षिका जवाब नहीं देती हैं या उनका जवाब संतोषजनक नहीं होता है, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीईओ कार्यालय ने शिक्षिका द्वारा कार में बैठे हाजिरी लगाते हुए तस्वीरें भी जारी की हैं। कई शिक्षकों द्वारा स्कूल पहुँचने से पहले ही हाजिरी लगाने की बात शिक्षा विभाग के संज्ञान में आई थी। इसी के चलते नया सिस्टम लागू किया गया था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले मई में इस सिस्टम के लागू होने के बाद से लगभग 700 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा जा चुका है।