चकाई विधानसभा सीट अप्रत्याशित है, जहां मतदाता उम्मीदवार को प्राथमिकता देते हैं। 2025 में RJD की सावित्री देवी ने JDU के सुमित सिंह को हराया। इससे पहले 2020 में निर्दलीय सुमित ने ही सावित्री देवी को शिकस्त दी थी।

Bihar Assembly Election 2025: चकाई विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल की सावित्री देवी जीत गई हैं। उन्हें 80357 वोट मिले। सावित्री देवी ने 12972 वोटों से जनता दल (यूनाइटेड) के सुमित कुमार सिंह को हराया। उन्हें 67385 वोट मिले। (Chakai Assembly Seat) सबसे रोमांचक सीटों में गिनी जाती है। जमुई जिले की यह सीट कभी किसी एक पार्टी की परंपरागत सीट नहीं रही। कभी निर्दलीय (Independent Candidate) को जीत दिलाते हैं तो कभी राजद (RJD) या झामुमो (JMM) को मौका देते हैं।

2020: निर्दलीय उम्मीदवार ने किया बड़ा उलटफेर

2020 विधानसभा चुनाव (Chakai Election 2020) में सबसे बड़ा सरप्राइज आया। निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह ने राजद की सावित्री देवी को महज 581 वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की।

  • निर्दलीय सुमित कुमार सिंह: 45,548 वोट
  •  सावित्री देवी (RJD): 44,967 वोट
  •  संजय प्रसाद (JDU): 39,319 वोट

खास बात: यह चुनाव साबित करता है कि चकाई की जनता पार्टी से ज्यादा उम्मीदवार की छवि पर भरोसा करती है।

नोट: स्नातक तक पढ़े लिखे सुमित कुमार सिंह की कुल संपत्ति 3.68 करोड़ रुपए है और उन पर 60 लाख रुपए का कर्जा भी है। उन पर एक क्रिमिनल केस रजिस्टर्ड है।

2015: राजद की सावित्री देवी का कमाल

2015 विधानसभा चुनाव में राजद (RJD) ने यहां परचम लहराया। सावित्री देवी ने निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह को बड़े अंतर से हराया।

  • सावित्री देवी (RJD): 47,064 वोट
  • सुमित कुमार सिंह (IND): 34,951 वोट

खास बात: इस जीत ने चकाई में राजद की एंट्री दर्ज कराई थी।

2010: JMM की ऐतिहासिक जीत

2010 के चुनाव में जेएमएम (JMM) के टिकट पर सुमित कुमार सिंह ने बेहद नजदीकी मुकाबले में जीत हासिल की।

  • सुमित कुमार सिंह (JMM): 21,809 वोट
  • विजय कुमार सिंह (LJP): 21,621 वोट

खास बात: जीत का अंतर सिर्फ 188 वोटों का रहा। यह JMM की बिहार राजनीति में गिनी-चुनी बड़ी जीतों में से एक थी।

चकाई विधानसभा का खास समीकरण

  • 1. यहां कोई स्थायी विजेता नहीं, हर बार नया चेहरा सामने आता है।
  • 2. मतदाता पार्टी से ज्यादा स्थानीय उम्मीदवार और उसके काम पर ध्यान देते हैं।
  • 3. जातीय और भौगोलिक समीकरण यहां चुनाव को और पेचीदा बना देते हैं।