बिहार चुनाव 2025 के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है। पटना में बैठक के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए दिल्ली भेजा जाएगा। राज्य में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा। पार्टी का लक्ष्य मजबूत उम्मीदवारों के साथ अधिकतम सीटें जीतना है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के बाद राज्य की राजनीतिक गलियारियाँ हलचल से भर गई हैं। अगले महीने होने वाले चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों का अंतिम जायज़ा ले रहे हैं। इसी कड़ी में राजधानी पटना के एक प्रमुख होटल में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की अहम बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान मौजूद थे।

बैठक का मुख्य एजेंडा था बिहार विधानसभा की सभी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देना। पार्टी का उद्देश्य है कि हर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत उम्मीदवार खड़े हों और स्थानीय समीकरणों के अनुकूल चुनाव लड़ें।

उम्मीदवारों की सूची तैयार, दिल्ली में मंजूरी का इंतजार

सूत्रों के अनुसार, बैठक में लगभग हर सीट पर उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार कर ली गई है। इसके बाद कांग्रेस नेता आज ही इसे लेकर दिल्ली रवाना होंगे, जहां बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में इस सूची को औपचारिक रूप से मंजूरी दी जाएगी। कांग्रेस के लिए यह बैठक रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है। इसमें न केवल उम्मीदवार तय होंगे, बल्कि सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे और चुनावी तालमेल को लेकर अंतिम दिशा भी तय होगी।

सीटों पर मजबूत पकड़ बनाने की तैयारी

इस बार कांग्रेस किसी भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे वरिष्ठ नेता बिहार का दौरा कर चुके हैं। स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की रणनीति पर विशेष जोर दिया गया।

निर्वाचन आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। राज्य में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस चुनाव में कांग्रेस का लक्ष्य है कि सहयोगी दलों के साथ तालमेल बनाकर अधिकतम सीटें जीती जाएँ और हर क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाई जाए।

हर क्षेत्र में मजबूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि बिहार में कांग्रेस की यह तैयारी और दिल्ली में होने वाली सीईसी बैठक राज्य की सियासत पर निर्णायक असर डाल सकती है। उम्मीदवारों की अंतिम सूची और सीट बंटवारे से चुनावी समीकरण प्रभावित होंगे। इस बार की रणनीति से पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत उम्मीदवार मैदान में हों, ताकि सहयोगी दलों के साथ तालमेल भी मजबूत रहे और चुनावी प्रदर्शन बेहतर हो।