कांग्रेस ने 64% मतदान को सत्ता परिवर्तन का संकेत बताया है। पार्टी ने दावा किया कि NDA के 12 मंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री हार रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर नीतीश कुमार को किनारे लगाने की तैयारी का आरोप लगाया।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान के बाद कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि जनता अब निर्णायक बदलाव के मूड में है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आक्रामक रुख अपनाते हुए दावा किया कि रिकॉर्ड 64 प्रतिशत मतदान दर यह संकेत है कि जनता ने सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है। शुक्ला ने कहा, "जनता ने बटन दबाया है और सत्ता की कुर्सी तक कंपन पहुंच चुकी है।"

NDA के 12 मंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री हार रहे

कांग्रेस नेता ने अपनी पार्टी और महागठबंधन की जमीनी रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीजेपी-जेडीयू गठबंधन पर सबसे बड़ा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि NDA सरकार के 15 में से 12 मंत्री अपनी सीटें हार रहे हैं, जिनमें बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं, जनता की नाराज़गी का प्रमाण है। जब सत्ता के शीर्ष चेहरे अपनी सीटों पर संघर्ष करते दिखें, तो समझिए जनता ने मन बना लिया है।" शुक्ला ने कहा कि यह भारी मतदान एनडीए के लिए सबसे घातक संकेत है, क्योंकि यह साफ दर्शाता है कि जनता मौजूदा व्यवस्था से ऊब चुकी है।

नीतीश को किनारे लगाने की तैयारी 

राजीव शुक्ला ने बीजेपी और जेडीयू के बीच चल रही कथित खींचतान पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान को आधार बनाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव के बाद विधायक दल तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। शुक्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा ने नीतीश कुमार को किनारे लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। भाजपा की यह पुरानी आदत है, कंधे पर चढ़कर सत्ता में आना और फिर उसी कंधे को गिरा देना। महाराष्ट्र, मणिपुर और झारखंड की तरह अब वही कहानी बिहार में दोहराई जा रही है।

वादों पर प्रहार 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने केंद्र सरकार को 'झूठ के महल' पर खड़ा बताया और महंगे पेट्रोल-डीजल और रोज़गार के मुद्दों पर घेरा। राजीव शुक्ला ने कहा कि पेट्रोल ₹50 और डीज़ल ₹30 में मिलने का वादा किया गया था पर आज पेट्रोल ₹110 और डीज़ल ₹100 के पार है। जब मनमोहन सिंह के समय डॉलर ₹40 पार गया था, तब भाजपा कहती थी कि यह देश का अपमान है। अब डॉलर ₹90 के करीब है, तो यह अपमान नहीं, उपलब्धि बन गया है। उन्होंने पूछा कि 2022 तक 22 करोड़ नौकरियां मिल जानी चाहिए थीं, पर 22 लाख भी नहीं मिलीं।

महागठबंधन का संकल्प 

राजीव शुक्ला ने अंत में महागठबंधन के संकल्प पत्र की प्रतिबद्धताएं दोहराईं, जो जनता को एक जवाबदेह और पारदर्शी सरकार देने का वादा करती हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन ने महिलाओं का सशक्तिकरण, युवाओं को रोजगार और बिहार को गरिमा के साथ विकास की राह पर लाने का साझा संकल्प लिया है। शुक्ला ने विश्वास जताया कि जनता ने 20 साल के शासन को बदलने का मन बना लिया है और महागठबंधन को इस बार भारी जनसमर्थन मिलेगा।