ADR रिपोर्ट के अनुसार, बिहार 2020 के 241 विजयी विधायकों में से 158 (66%) पर आपराधिक मामले हैं। इसके अलावा, 194 विधायक करोड़पति हैं। यह राजनीति में अपराध और धन के गहरे गठजोड़ को उजागर करता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही पिछले चुनावों का विश्लेषण भी तेज़ी से हो रहा है। हाल ही में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और बिहार इलेक्शन वॉच ने 2020 के विधानसभा चुनावों पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के 241 विजयी विधायकों में से 158 (लगभग 66%) पर आपराधिक मामले दर्ज थे, जबकि 194 विधायक करोड़पति हैं। यह आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि बिहार की राजनीति में अपराध और दौलत का गहरा गठजोड़ आज भी बरकरार है।
अपराध और राजनीति का संबंध
रिपोर्ट के अनुसार, 119 विधायकों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, दंगा और भ्रष्टाचार जैसे मामले शामिल हैं। अकेले 16 विधायकों पर हत्या के मामले दर्ज हैं। दलवार विश्लेषण इस प्रकार है:
- भाजपा: 83 विधायक, 41 पर गंभीर आपराधिक मुकदमे (49%)
- राजद: 72 विधायक, 43 पर गंभीर आरोप (60%)
- जदयू: 47 विधायक, 13 पर गंभीर आरोप (28%)
- कांग्रेस: 17 विधायक, 9 पर गंभीर आरोप (53%)
- भाकपा (माले): 11 में से 7 पर गंभीर आरोप (64%)
- हम: 4 में से 1 पर (25%)
- माकपा: 2 में से 2 पर (100%)
- एआईएमआईएम: 1 में से 1 (100%)
- निर्दलीय: 2 में से 2 (100%)
विशेषज्ञों का मानना है कि सत्ता की कुर्सी तक पहुँचने के लिए अब “स्वच्छ छवि” औपचारिकता बनकर रह गई है।
करोड़पतियों की संख्या और उनकी संपत्ति
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि बिहार विधानसभा के 194 विजयी विधायक करोड़पति हैं, जिनकी कुल घोषित संपत्ति 1121.61 करोड़ रुपये है।
- नीलम देवी (मोकामा) – ₹80 करोड़
- मनोरमा देवी (बेलागंज) – ₹72 करोड़
- अजीत शर्मा (भागलपुर) – ₹43 करोड़
- सबसे कम संपत्ति वाले विधायक:
- राम विकास सदा (अलौली) – ₹70,000
- गोपाल रविदास (फुलवारीशरीफ) – ₹1,00,000+
- संदीप सौरभ (पालीगंज) – ₹3.45 लाख
