फतुहा विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी के डॉ. रामानंद यादव ने जीत दर्ज की है। उन्हें 90,558 वोट मिले। डॉ. रामानंद यादव ने एलजेपी (रामविलास) की रूपा कुमारी को 7,992 वोटों के अंतर से हराया।

Fatuha Assembly Election 2025: फतुहा विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल के डॉ रामानंद यादव जीत गए हैं। उन्हें 90558 वोट मिले। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की रूपा कुमारी को 7992 वोटों से हराया।पटना जिले की फतुहा विधानसभा सीट (Fatuha Vidhan Sabha Seat) हमेशा से ही बिहार की राजनीति में खास मानी जाती है। यह इलाका इंडस्ट्रियल होने के बावजूद यहां पर जातीय समीकरण ही निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। कुर्मी वोटरों की संख्या यहां सबसे ज्यादा है, जबकि यादव वोटर भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यादवों की गोलबंदी की वजह से इस सीट पर लंबे समय से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दबदबा बना हुआ है।

2020 का चुनाव: हैट्रिक जीत

2020 में डॉ. रामानंद यादव (RJD) ने सत्येंद्र कुमार सिंह (BJP) को हराकर तीसरी बार लगातार जीत दर्ज की।

  •  डॉ. रामानंद यादव (RJD) - 85,769 वोट
  •  सत्येंद्र कुमार सिंह (BJP) - 66,399 वोट
  •  जीत का अंतर: 19,370 वोट
  • खास बात: यह नतीजा दिखाता है कि बीजेपी को फतुहा में अभी भी बड़ी चुनौती झेलनी पड़ रही है।
  • नोट: आरजेडी नेता डा. रामानंद यादव पर चार आपराधिक केस हैं। 10.76 करोड़ रुपए की चल- अचल संपत्ति है। कोई कर्जा है।

2015 का चुनाव: जब बनी डबल जीत

2015 के चुनाव में भी डॉ. रामानंद यादव ने अपनी मजबूत पकड़ दिखाई। उन्होंने LJP उम्मीदवार सत्येंद्र कुमार सिंह को हराया।

  •  डॉ. रामानंद यादव (RJD)- 77,210 वोट
  •  सत्येंद्र कुमार सिंह (LJP)- 46,808 वोट
  •  जीत का अंतर: 30,402 वोट

2010 का चुनाव: पहली जीत की कहानी

2010 में डॉ. रामानंद यादव पहली बार विधायक चुने गए। उन्होंने जदयू के अजय कुमार सिंह को हराया।

  •  डॉ. रामानंद यादव (RJD)- 50,218 वोट
  •  अजय कुमार सिंह (JDU) - 40,562 वोट
  •  जीत का अंतर: 9,656 वोट

जातीय और ऐतिहासिक समीकरण

फतुहा विधानसभा में अब तक 21 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें पांच बार RJD, तीन-तीन बार JDU और कांग्रेस, दो-दो बार जनसंघ, जनता दल, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, और एक-एक बार लोकदल, जनता पार्टी (सेक्युलर), जनता पार्टी ने जीत हासिल की।

खास बात: कांग्रेस आखिरी बार 1969 में जीती थी, जबकि बीजेपी आज तक यहां से जीत नहीं पाई है।