बिहार में शराबबंदी कानून के तहत यूपी के पूर्व BJP विधायक धनंजय कन्नौजिया 3 बीयर केन के साथ गिरफ्तार हुए। पश्चिम चंपारण में हुई इस कार्रवाई के बाद उन्हें चालक समेत न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। यह घटना कानून के सख्त पालन को दर्शाती है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच शराबबंदी कानून एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला किसी आम व्यक्ति का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्व बीजेपी विधायक धनंजय कन्नौजिया का है, जिन्हें बिहार में बीयर की तीन केन के साथ गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने उन्हें और उनके चालक को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। यह घटना न केवल बिहार की सख्त शराबबंदी नीति की झलक दिखाती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि अब “नो वीआईपी छूट” का दौर है।
सीमा पार बीयर के साथ पकड़े गए पूर्व विधायक
यह पूरा मामला पश्चिम चंपारण जिले के नौतन थाना क्षेत्र का है, जो भारत-नेपाल सीमा से सटा इलाका है। शुक्रवार देर शाम मंगलपुर चेकपोस्ट पर सघन वाहन जांच अभियान चल रहा था। इस दौरान एक काली SUV कार को जांच के लिए रोका गया। कार की तलाशी लेने पर ड्राइवर सीट के पास रखे बैग से बीयर की तीन केन बरामद हुईं। जब अधिकारियों ने पूछताछ की, तो पहले चालक और सवार व्यक्ति टालमटोल करते रहे। लेकिन जब मजिस्ट्रेट विकास कुमार और पुलिस ने कड़ाई दिखाई, तो सवार व्यक्ति ने खुद को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की बल्थरा रोड सीट से पूर्व भाजपा विधायक धनंजय कन्नौजिया बताया।
बिहार उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मामला
नौतन थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार पासवान ने बताया कि बरामदगी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुई है। पूर्व विधायक धनंजय कन्नौजिया और उनके चालक दिलीप सिंह (निवासी- राजपुर पलिया, बलिया) के खिलाफ बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम (Bihar Prohibition and Excise Act) के तहत सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस अधिनियम में शराब या मादक पदार्थों के साथ पकड़े जाने पर गिरफ्तारी अनिवार्य है और जमानत मिलना बेहद कठिन होता है। इसलिए दोनों आरोपियों को शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
कौन हैं धनंजय कन्नौजिया?
धनंजय कन्नौजिया उत्तर प्रदेश भाजपा के सक्रिय नेता और बलिया जिले की बल्थरा रोड विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि वे बिहार आए थे ताकि एनडीए प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार कर सकें। चुनावी सीजन में सीमावर्ती जिलों में उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल से आने-जाने वालों की आवाजाही बढ़ जाती है। लेकिन बिहार प्रशासन का यह कदम इस बार शराबबंदी पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति का सख्त उदाहरण बन गया है।
कानून सब पर लागू
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य में हर जिले और सीमा पर चेकपोस्ट और नाके सक्रिय कर दिए गए हैं। सीमावर्ती इलाकों में शराब तस्करी रोकने के लिए SSB और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम लगातार निगरानी कर रही है। इस मामले में कोई राजनीतिक दबाव नहीं माना गया, और कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई।
