सार

संदीप कुमार वर्मा का एक दोस्त कुछ साल पहले सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। एम्बुलेंस के इंतजार में वह तड़पता रहा। समय से इलाज नहीं मिलने की वजह से उसकी मौत हो गयी। उस घटना से संदीप को भावनात्मक आघात लगा।

गया। संदीप कुमार वर्मा का एक दोस्त कुछ साल पहले सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। एम्बुलेंस के इंतजार में वह तड़पता रहा। समय से इलाज नहीं मिलने की वजह से उसकी मौत हो गयी। उस घटना से संदीप को भावनात्मक आघात लगा और तभी उन्होंने तय कर लिया कि जब भी वह कोई गाड़ी खरीदेंगे तो मरीजों को एम्बुलेंस की तरह 24 घंटे फ्री सेवा देंगे। अब वह अपने उसी संकल्प को पूरा कर रहे हैं।

फोन करके भी प्राप्त की जा सकती है सेवा

संदीप ने टोटो गाड़ी खरीदी तो अपने संकल्प को पूरा करने में जुट गए। अब मरीजों और जरुतमंदों की मदद करना ही उनकी जिंदगी का मकसद बन गया है। उनकी मदद में संदीप 24 घंटे जुटे रहते हैं। सेना के जवानों को भी उनके गंतव्य तक पहुंचाने की एवज में किराया नहीं लेते हैं। उन्होंने एक मोबाइल नम्बर भी जारी किया है। जिस पर फोन करके उनकी सेवा प्राप्त की जा सकती है।

उनका मकसद उन्हें दूसरे टोटो चालकों से बनाता है अलग

संदीप गया स्थित वैद्यनाथ सहाय लेन के निवासी है। उन्हें टोटो गाड़ी चलाते हुए एक साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। शहर में टोटो चालकों की कमी नहीं है। पर उनका मकसद उन्हें अन्य टोटो चालकों से अलग बनाता है। संदीप के मुताबिक उनकी दोस्त के मौत के बाद उन्होंने अपना विचार पक्का किया और गाड़ी लेने के बाद मरीजों की मदद करने को तत्पर हैं।

शहर में उनके काम की हो रही तारीफ

ध्यान देने की बात यह है कि बुरे समय में साथ देने वालों की संख्या नगण्य हो जाती है। उस समय में जो साथ दे, वही सच्चा साथी होता है। गया की सड़कों पर मददगार बनकर उभरे टोटो चालक संदीप कुमार वर्मा की कहानी भी उसी मददगार सी है, जो बुरे वक्त पर ही याद आता है। शहर में उनके काम की तारीफ हो रही है।