इमामगंज विधानसभा सीट जीतन राम मांझी का गढ़ है, जहां 2015 से उनकी पार्टी HAMS जीत रही है। 2025 के चुनाव में उनकी बहू दीपा कुमारी ने RJD प्रत्याशी रीतू प्रिया को हराकर यह दबदबा कायम रखा। यह सीट पहले उदय नारायण चौधरी के कब्जे में थी।

Imamganj Assembly Election 2025: इमामगंज विधानसभा 2025 के लिए जीतन राम मांझी (HAMS) ने दीपा कुमारी को टिकट दिया था। जबकि राजद ने यहां से रितू प्रिया चौधरी को मौका दिया है। वहीं, जन सुराज पार्टी ने डॉक्टर अजीत कुमार को प्रत्याशी घोषित किया था। इमामगंज बिहार के गया जिले की एक महत्वपूर्ण सीट है, जो झारखंड की सीमा के पास स्थित है। यह इलाका कभी नक्सल प्रभावित रहा, लेकिन अब विकास और रोज़गार जैसे मुद्दे इसे बदलते राजनीतिक परिदृश्य में ले जा रहे हैं। पिछले कई वर्षों तक यह सीट उदय नारायण चौधरी के कब्जे में रही, लेकिन 2015 में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने चौधरी को हराकर इस सीट पर अपना दबदबा बनाया था, जिसे 2025 में भी कायम रखा है। यहां से मांझाी की बहू और हम (HAMS कैंडिडेट रहीं दीपा कुमारी ने एक लाख से ज्यादा वोट हासिल करते हुए आरजेडी की रितू प्रिया चौधरी को करारी शिकस्त दी है। रितू प्रिया को तकरीबन 79 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।

2020 इमामगंज विधानसभा चुनाव: मांझी की जीत

  •  विजेता: जीतन राम मांझी (HAMS) -78,762 वोट
  •  दूसरे स्थान पर: उदय नारायण चौधरी (RJD)- 62,728 वोट
  •  तीसरे स्थान पर: कुमारी शोभा सिन्हा (LJP)-14,197 वोट
  •  वोट अंतर: 16,034 वोट

नोट: 2020 में जीतन राम मांझी ने अपने पुराने प्रतिद्वंदी उदय नारायण चौधरी को भारी अंतर से हराया। यह जीत 'हम' पार्टी के लिए इमामगंज में दबदबा साबित करती है।

नोट: हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के मुखिया एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम माझी की यह सीट गढ़ मानी जाती है। जब वे सांसद बने तो इमामगंज सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें उनकी बहू दीपा मांझी ने जीत दर्ज की और 'हम' पार्टी का परचम बुलंद रखा।

2015 इमामगंज विधानसभा चुनाव: मांझी का दबदबा शुरू

  •  विजेता: जीतन राम मांझी (HAMS)-79,389 वोट
  •  दूसरे स्थान पर: उदय नारायण चौधरी (JD(U))-49,981 वोट
  •  वोट अंतर: 29,408 वोट

नोट: 2015 में भी मांझी ने भारी अंतर से जीत दर्ज की और इस सीट पर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की।

2010 इमामगंज विधानसभा चुनाव: चौधरी का शासन

  • विजेता: उदय नारायण चौधरी (JD(U))-44,126 वोट
  • दूसरे स्थान पर: रोशन कुमार (RJD)- 42,915 वोट
  • वोट अंतर: 1,211 वोट

नोट: 2010 तक यह सीट उदय नारायण चौधरी का अजेय किला मानी जाती थी। चौधरी की जीत और लंबे समय तक सत्ता में रहने ने इस सीट को खास महत्व दिया।

मतदाता और जातीय समीकरण

  • 1. कुल मतदाता: लगभग 2.5 लाख
  • 2. दलित और महादलित मतदाता: 40%
  • 3. पिछड़ा वर्ग, मुसलमान और आदिवासी मतदाता भी अहम भूमिका निभाते हैं
  • 4. कोइरी जाति के वोटर इस सीट पर निर्णायक माने जाते हैं

विकास और शिक्षा का मुद्दा

  • 1. सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं में सुधार की मांग
  • 2. स्कूलों में शिक्षक कम, अस्पताल में एंबुलेंस की कमी
  • 3. युवाओं का पलायन रोकना बड़ी चुनौती
  • 4. जनता चाहता है काम करने वाला नेता, सिर्फ नाम वाला नहीं