JDU ने बिहार चुनाव 2025 के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इसमें श्याम रजक समेत एक दर्जन से ज्यादा नाम हैं। यह सूची पुराने व नए चेहरों को संतुलित कर नीतीश कुमार की चुनावी रणनीति को दर्शाती है।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए के अंदर टिकट बंटवारे का दौर अब तेजी पकड़ चुका है। सोमवार की देर रात जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। लंबे समय से जारी असमंजस और नाराज़गी के बीच पार्टी ने लगभग एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। इस लिस्ट के साथ ही जेडीयू ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि इस बार चुनाव में चेहरों का संतुलन और सियासी अनुभव दोनों ही अहम होंगे।
श्याम रजक की वापसी से बढ़ी हलचल
सूची में सबसे ज्यादा चर्चा जिस नाम की है, वह है पूर्व मंत्री श्याम रजक का। जेडीयू ने उन्हें फुलवारी शरीफ विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। श्याम रजक 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के टिकट पर मैदान में थे, लेकिन उस वक्त यह सीट वाम दलों के हिस्से में चली गई थी। इसके बाद उन्होंने आरजेडी छोड़कर दोबारा जेडीयू का दामन थाम लिया था। अब नीतीश कुमार ने उन्हें फिर से मौका देकर साफ संदेश दिया है कि पुराने सहयोगियों को पार्टी में अहमियत दी जा रही है।
कौशल किशोर और अन्य बड़े नाम शामिल
जेडीयू की इस लिस्ट में कई पुराने और नए चेहरे शामिल किए गए हैं।
- राजगीर से कौशल किशोर को प्रत्याशी बनाया गया है।
- सूर्यगढ़ा से रामानंद मंडल,
- जमालपुर से नचिकेता मंडल,
- मटिहानी से राजकुमार सिंह,
- हसनपुर से राजकुमार राय,
- बरौली से मंजीत सिंह,
- बेलदौर से पन्ना सिंह पटेल,
- मसौढ़ी से अरुण मांझी,
- गायघाट से कोमल सिंह,
- विभूतिपुर से रामबालक सिंह की पत्नी,
- कुचायकोट से अमरेंद्र पांडे,
- मांझी से रणधीर सिंह (प्रभुनाथ सिंह के बेटे),
- हथुआ से रामसेवक सिंह,
- आलमनगर से नरेंद्र नारायण को उम्मीदवार घोषित किया गया है।
टिकट बंटवारे पर मची थी हलचल
जेडीयू की इस घोषणा से ठीक पहले पार्टी के अंदर टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी की खबरें सामने आई थीं। कई वरिष्ठ नेताओं ने यह आरोप लगाया था कि एनडीए में जेडीयू को कम सीटें मिली हैं। खासकर गया, नवादा और समस्तीपुर जैसे इलाकों में सीटों की अदला-बदली को लेकर असंतोष था। लेकिन देर रात अचानक लिस्ट जारी कर पार्टी ने संकेत दे दिया कि अब सब कुछ तय है और फील्ड में उतरने का वक्त आ गया है।
नीतीश कुमार की रणनीति साफ
जेडीयू की इस लिस्ट को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सियासी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। उन्होंने एक तरफ पुराने भरोसेमंद चेहरों को दोबारा मौका दिया है, वहीं कुछ नए चेहरों को भी उतारकर मैदान में नई ऊर्जा लाने की कोशिश की है। अब जब भाजपा और हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) पहले ही अपनी लिस्ट जारी कर चुके हैं, जेडीयू की एंट्री के साथ एनडीए का चुनावी चेहरा लगभग तय होता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में बाकी बची सीटों पर भी फैसला हो जाएगा और तब तक सभी उम्मीदवारों को सिंबल बांटे जा चुके होंगे।
