Khan Sir Raksha Bandhan 2025: खान सर ने पटना में अपनी छात्राओं के साथ धूमधाम से राखी पर्व मनाया। हजारों छात्राओं ने उन्हें राखी बांधी और 156 प्रकार के पकवान बनाए गए। खान सर ने सभी छात्राओं को बहन मानकर प्यार और संस्कृति की महत्ता समझाई।
Khan Sir Rakhi Celebration: पटना के एसके मेमोरियल हॉल में रक्षा बंधन के पावन अवसर पर खान सर ने अपनी छात्राओं के साथ त्योहार मनाया। हजारों छात्राओं ने दिल खोलकर खान सर के हाथों में राखी बांधी, जिससे उनका हाथ राखियों से इस कदर भरा कि वह लगभग भारी हो गया। इतना ही नहीं, राखी बांधने की यह परंपरा इतनी व्यापक थी कि खान सर के हाथ का ब्लड सर्कुलेशन तक प्रभावित हो गया। यह नजारा देखकर वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो उठे। खान सर ने कहा कि वे अपनी छात्राओं को सिर्फ स्टूडेंट्स नहीं, बल्कि बहनों की तरह मानते हैं, और यही उनके बीच मजबूत रिश्ता है।
156 अलग-अलग व्यंजन: बहनों के लिए खान सर का भव्य भोज
खान सर ने इस मौके पर अपने सभी छात्रों के लिए खास इंतजाम किया। उन्होंने 156 प्रकार के व्यंजन बनवाए, जो कि देश के अलग-अलग राज्यों से आई छात्राओं के स्वाद और पसंद को ध्यान में रखकर तैयार किए गए थे। खान सर ने बताया कि यह त्योहार उनकी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और वे चाहते हैं कि हर बहन इस दिन खास महसूस करे। खान सर ने अपनी बहनों के लिए दावत को एक प्रेम और सम्मान का प्रतीक बताया।
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“मेरी छात्राएं नहीं, मेरी बहनें हैं”- खान सर का दिल छू लेने वाला संदेश
इस खास दिन खान सर ने कहा कि वे अपने छात्रों को परिवार का हिस्सा मानते हैं। उनकी नजर में ये छात्राएं उनकी बहनें हैं, जिनके लिए वे पढ़ाई से लेकर जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन करते हैं। खान सर ने बताया कि यही आपसी स्नेह और विश्वास ही उनकी कोचिंग की सफलता का मूल मंत्र है।
राखी का त्योहार: खान सर के साथ बन चुकी है एक खूबसूरत परंपरा
यह पहली बार नहीं है जब खान सर ने इस तरह से रक्षा बंधन मनाया हो। साल दर साल खान सर अपनी छात्राओं के साथ इस पर्व को खास अंदाज में मनाते आ रहे हैं। यह आयोजन उनके और उनके छात्रों के बीच गहरे रिश्तों की मिसाल बन गया है। इस दौरान खान सर की तरफ से भी छात्राओं के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं ताकि वे त्योहार का पूरा आनंद ले सकें।
संस्कृति और भाई-बहन के रिश्ते का संदेश: खान सर ने सभी को दिया प्रेरक विचार
खान सर ने इस अवसर पर कहा कि रक्षा बंधन केवल राखी बांधने का पर्व नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते की गहराई और भारतीय संस्कृति की अमूल्य विरासत है। उन्होंने सभी से अपील की कि इस परंपरा को बनाए रखें और अपने रिश्तों को मजबूत करें। खान सर का मानना है कि जब रिश्ते मजबूत होंगे, तभी समाज भी सशक्त होगा।
खान सर: सिर्फ गुरु नहीं, एक परिवार के पिता जैसे
यह आयोजन यह साफ करता है कि खान सर केवल एक शिक्षाविद नहीं, बल्कि अपने छात्रों के लिए एक पिता और परिवार के सदस्य की तरह हैं। उनकी यह भावना और प्रेम ही उनके हजारों छात्रों को प्रेरित करता है और उनके बीच एक मजबूत और भरोसेमंद रिश्ते को जन्म देता है। रक्षा बंधन जैसे अवसरों पर यह प्यार और सम्मान खुलकर सामने आता है, जो हर बार सभी का दिल जीत लेता है।
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