कुटुंबा विधानसभा चुनाव 2025 में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के ललन राम ने जीत हासिल की है। ललन राम को 73,108 से ज्यादा वोट मिले, जिसके दम पर उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राजेश कुमार को मात दी।
Kutumba Assembly Election 2025: कुटुंबा विधानसभा चुनाव 2025 में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के ललन राम जीत गए हैं। उन्हें 73108 से ज्यादा वोट मिले। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजेश कुमार को हराया।कुटुंबा विधानसभा सीट (Kutumba Assembly Seat) बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण SC आरक्षित सीट है। यह विधानसभा सीट 192 नंबर की है और 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। यह सीट न सिर्फ अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि बिहार की राजनीति में एक स्ट्रैटेजिक मोर्चा भी बन चुकी है।
रोचक रहा है कुटुंबा विधानसभा का चुनावी इतिहास
कुटुंबा विधानसभा का चुनावी इतिहास बेहद रोचक रहा है। कभी JD(U) ने यहां जीत हासिल की, कभी कांग्रेस ने वापसी की, और ‘हम’ (Hindustani Awam Morcha) ने भी हाल के चुनावों में दमदार चुनौती पेश की।
पिछली जीत और हार: आंकड़ों में विश्लेषण
2020 कुटुंबा विधानसभा चुनाव
- विजेता: राजेश कुमार (INC)-50,822 वोट
- हारने वाले: श्रवण भुइयां (हम)- 46,409 वोट
- तीसरे नंबर पर: ललन राम (IND)- 20,433 वोट
- जीत का अंतर: 4,413 वोट
खास बात: इस चुनाव में कांग्रेस की जीत बहुत नज़दीकी रही, और ‘हम’ ने मजबूत पकड़ दिखाई।
नोट: एससी समुदाय से आने वाले राजेश कुमार स्नातक तक पढ़ाई किए हैं। उन पर दो मुकदमें चल रहे हैं। उनकी कुल चल अचल संपत्ति करीब 7.49 करोड़ रुपए हैं। उन पर 60 लाख रुपए का कर्जा है।
2015 कुटुंबा विधानसभा चुनाव
- विजेता: राजेश कुमार (INC)- 51,303 वोट
- हारने वाले: संतोष कुमार सुमन (हम) -41,205 वोट
- जीत का अंतर: 10,098 वोट
2010 कुटुंबा विधानसभा चुनाव
- विजेता: ललन राम (JD(U)-42,559 वोट
- हारने वाले: सुरेश पासवान (RJD)- 28,649 वोट
खास बात: कांग्रेस के राजेश कुमार ने मात्र 8,477 वोट हासिल किए।
कुटुंबा विधानसभा का जातीय और राजनीतिक समीकरण
- 1. मुख्य वोटर समुदाय: अनुसूचित जाति (SC)
- 2. महत्वपूर्ण दल: INC, हम, JD(U)
- 3. पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस ने दो बार जीत दर्ज की है।
- 4. ‘हम’ लगातार दूसरे स्थान पर रही और अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।
- 5. JD(U) और RJD का प्रभाव धीरे-धीरे कम हुआ है।
जातीय और सामाजिक समीकरण इस सीट पर चुनावी परिणाम तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। कांग्रेस ने SC समुदाय और स्थानीय मुद्दों को साधकर जीत हासिल की है। वहीं ‘हम’ अब इस सीट पर गंभीर चुनौती बनकर उभर रहा है।
