बिहार के CM नीतीश कुमार ने 2005 से हुए विकास का लेखा-जोखा दिया। राज्य का बजट 13 गुना बढ़कर 3.16 लाख करोड़ हुआ। इस दौरान एक्सप्रेस-वे, आधुनिक भवनों और पर्यटन स्थलों का निर्माण कर राज्य की छवि बदली गई।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (X) पर एक विस्तृत पोस्ट जारी कर पिछले दो दशकों (2005 से 2025) में राज्य में हुए "अभूतपूर्व विकास" का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। उन्होंने इस दौरान बिहार के बजट में हुई ऐतिहासिक वृद्धि, आधारभूत संरचनाओं में आए बदलाव और राज्य की बदली हुई छवि को प्रमुखता से रेखांकित किया।

2005 से पहले की तुलना: अपमान से सम्मान तक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट की शुरुआत 2005 से पहले के बिहार की स्थिति की तुलना करते हुए की। उन्होंने लिखा, "वर्ष 2005 से पहले बिहार हर क्षेत्र में पिछड़ गया था। विकास के कार्य पूरी तरह से ठप पड़ गए थे। उबड़-खाबड़ और टूटी-फूटी सड़कें बिहार के पिछड़ापन की पहचान बन गयी थीं।"

उन्होंने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि उस वक्त बिहारी कहलाना अपमान का विषय हो गया था। राज्य के बाहर लोग अपनी पहचान छिपाते थे, क्योंकि उस वक्त बिहारी कहलाना अपमान का विषय हो गया था। देश के अन्य राज्यों के लोग बिहार को हेय दृष्टि से देखते थे।

बजट में 13 गुना की छलांग 

मुख्यमंत्री ने राज्य की वित्तीय स्थिति में आए सुधार को सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004-05 में राज्य का बजट लगभग 24 हजार करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 3 लाख 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। नीतीश कुमार ने दावा किया कि कुशल वित्तीय प्रबंधन के जरिए बढ़े हुए बजट का उपयोग राज्य के सर्वांगीण विकास में किया जा रहा है।

एक्सप्रेस-वे और हाई स्पीड कॉरिडोर का जाल

आधारभूत संरचना के क्षेत्र में हुए कार्यों को गिनाते हुए, मुख्यमंत्री ने सड़कों और एक्सप्रेस-वे पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में कई विश्वस्तरीय पथों का निर्माण कराया गया है, और कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।

प्रमुख निर्माणाधीन और पूर्ण परियोजनाएं

  • पूर्ण पथ: जे०पी० गंगा पथ, अटल पथ, पाटलि पथ, बिहटा-सरमेरा पथ, लोहिया पथ चक्र, पटना-गया-डोभी फोर लेन, पटना-मुजफ्फरपुर फोर लेन, आदि।
  • निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे: वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे, आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे, पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे।

नीतीश कुमार ने कहा कि इन एक्सप्रेस-वे के बनने से न सिर्फ आवागमन सुगम हुआ है, बल्कि राज्य में आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आई है, जिससे लोगों की आमदनी बढ़ रही है।

बदलते बिहार की पहचान: आधुनिक भवन और पर्यटन

मुख्यमंत्री ने कई आधुनिक और ऐतिहासिक भवनों के निर्माण का भी उल्लेख किया, जिन्हें उन्होंने "बदलते बिहार की पहचान" बताया। जैसे ज्ञान भवन, बापू सभागार, सभ्यता द्वार (पटना), बिहार संग्रहालय, बापू टावर, सरदार पटेल भवन, बापू परीक्षा परिसर। गया का महाबोधि कन्वेंशन केंद्र, दरभंगा में तारामंडल और दिल्ली में नया बिहार सदन।

पर्यटन के क्षेत्र में, उन्होंने राजगीर में ग्लास स्काई वॉक, जू-सफारी, घोड़ा-कटोरा का विकास, ककोलत जल प्रपात का सौंदर्गीकरण, और पटना में बुद्ध स्मृति पार्क के निर्माण का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "इन कार्यों ने बिहार पर्यटन को आज विश्व मानचित्र पर लाकर रख दिया है।"

इसके अलावा, उन्होंने पटना मेट्रो परियोजना, डॉ. ए.पी. जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी, राजगीर खेल विश्वविद्यालय और हवाई सेवाओं के विस्तार (पटना, दरभंगा और पूर्णिया एयरपोर्ट के नए टर्मिनल) को भी प्रमुखता से गिनाया।

अपने पोस्ट के अंत में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा, "हमलोगों ने जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिएगा। आगे भी हमलोग ही काम करेंगे। हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं।"