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- बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री जहां पहुंचे वहीं लग गया दरबार, सड़क पर 25KM तक खड़े रहकर लोग करते हैं इंतजार-देखें तस्वीरें
बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री जहां पहुंचे वहीं लग गया दरबार, सड़क पर 25KM तक खड़े रहकर लोग करते हैं इंतजार-देखें तस्वीरें
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भीषण गर्मी में भी भी 25 किमी तक रोड के दोनों तरफ श्रद्धालु धीरेंद्र शास्त्री की एक झलक और आशीर्वाद पाने के लिए डटे रहते हैं। धीरेंद्र शास्त्री भी श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार करते हैं।
कथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री के रहने की व्यवस्था पटना स्थित एक होटल में की गई है। बाबा कथा के लिए डेली दोपहर में होटल से निकलते हैं। भीषण गर्मी में वह 25 किमी का रास्ता तय करके कथा स्थल तक पहुंचते हैं।
इस दौरान सड़क के दोनों तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ बाबा धीरेंद्र शास्त्री का आशीर्वाद पाने के लिए जमा रहती है। बागेश्वर धाम वाले बाबा भी उस दौरान श्रद्धालुओं को निराश नहीं करते हैं। उनका अभिवादन स्वीकार करते हुए आगे बढ़ते हैं। सभी श्रद्धालु बाबा को एक बार देखना चाहते हैं। इस तस्वीर में दिख रहा है कि बाबा गाड़ी से बाहर निकलकर लोगों को दर्शन दे रहे हैं।
मंगलवार के दिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पटना के विश्व प्रसिद्ध महावीर मंदिर पहुंचे। मंदिर पहुंचकर उन्होंने हनुमान जी के विग्रह की आरती की। इस दौरान उन्हें मंदिर का प्रसाद भी दिया गया।
जिस होटल में बाबा के रहने की व्यवस्था की गई है, वहां तो भक्तों का तांता लगा रहता है। बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों के बीच धक्का-मुक्की भी होती है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री जब भी कथा से वापस होटल की तरफ जाते हैं। तब भी श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा रहती है।
उनकी कथा सुनने के लिए लाखों लोगों की भीड़ पांडाल में इकट्ठा होती है। बीते दिनों यह भी खबर आई कि ज्यादा भीड़ इकट्ठा होने से कुछ श्रद्धालुओं की तबियत बिगड़ गई।
तब बाबा ने भी श्रद्धालुओं से कहा कि आप लोग घर पर टीवी के माध्यम से ही कथा का आनंद ले। फिर भी श्रद्धालु नहीं मान रहे हैं और पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन के लिए भीड़ का आना अनवरत जारी है।
इतना ही नहीं रात में भी लोग पांडाल में ही रूक जाते हैं। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि रात के समय भी लोग पांडाल में ही सो रहे हैं। ताकि सुबह उन्हें कथा सुनने में दिक्कत न हो। पांडाल में उनकी जगह बनी रहे।
आपको बता दें कि 13 मई से पटना में हनुमंत कथा चल रही है। 17 मई को इसका आखिरी दिन है।