सार

बागेश्वर धाम के महंथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़ी एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है। पटना में बागेश्वर बाबा के दरबार के आखिरी दिन सियासत तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि उनके कार्यक्रम के लगाए गए पोस्टर फाड़े गए हैं

Bageshwar Dham Sarkar Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम के महंथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़ी एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है। पटना में बागेश्वर बाबा के दरबार के आखिरी दिन सियासत तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि उनके कार्यक्रम के लगाए गए पोस्टर फाड़े गए हैं और उन पर कालिख भी पोती गई है। पोस्टर पर 420 भी लिखा गया है। बताया जा रहा है कि यह सब रात के अंधेरे में किया गया। पोस्टर पर कालिख पोतने और पोस्टर फाड़ने की घटना शहर के डाक बंगला और इनकम टैक्स चौराहे के पास हुआ।

हटवाए गएं कालिख लगे और अपशब्द लिखे पोस्टर

मामले को तूल पकड़ता देख प्रशासनिक अमला हरकत में आया। आनन फानन में मौके पर पहुंची एडमिनिस्ट्रेशन की टीम ने कालिख लगे पोस्टर हटवाएं। बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम के आखिरी दिन श्रद्धालुओं की रिकार्ड भीड़ उमड़ रही है। बताया जा रहा है कि पोस्टरों पर कालिख पोतने की घटना शहर के कई इलाको में हुई है। आपको बता दें कि जबसे धीरेंद्र शास्त्री के पटना आने की खबर आई। तभी से उनका विरोध शुरु हो गया है। इसके पहले भी कई जगहों पर उनके पोस्टर फाड़े गए थे। यहां त​क कि जिस होटल में बाबा बागेश्वर रूके थे। उसके सामने लगा पोस्टर भी फाड़ दिया गया था। अब अलग अलग चौराहों पर पोस्टर पर कालिख पोतने व फाड़ने की घटना हुई है।

13 मई से चल रही है कथा

कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब खुद पटना शहर में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है। हनुमंत कथा का आयोजन नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ में किया गया है। यह मठ पटना से 27 किमी दूर है। इसी जगह पर बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री का दरबार लगा हुआ है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 13 मई को पटना आए थे और उसी दिन शाम 4 बजे से कथा शुरु हुई थी।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कर चुके हैं ये अपील

हालांकि इस बीच लगातार गर्मी बढ़ने की वजह से श्रद्धालुओं की तबियत बिगड़ने की खबरें भी सामने आईं। बाबा बागेश्वर ने इसी वजह से श्रद्धालुओं से पंडाल में आने के बजाए टीवी पर ही कथा सुनने की अपील की थी। उन्होंने 15 मई ​को दिव्य दरबार लगाकर 25 लोगों की पर्चियां भी निकाली थीं। डेली लाखो लोगों की भीड़ हनुमंत कथा सुनने पहुंचती है।